पंजाबी अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ इन दिनों जहां पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर के साथ चर्चा में हैं वहीं वह फिल्म बॉर्डर-2 की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म में वे एक एयरफोर्स अफसर का किरदार निभा रहे हैं। ये एयरफोर्स अफसर भारतीय वायुसेना के जांबाज फ्लाइंग अफसर शहीद निर्मलजीत सिंह सेखों हैं। यह वही वीर योद्धा हैं, जिन्हें भारतीय वायुसेना से अब तक का इकलौता परमवीर चक्र सम्मान मिला है।
बता दें कि, 1971 की भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट्स ने जब भारतीय एयरबेस पर हमला किया, तब सेखों ने अकेले ही मुकाबला किया और उनमें से 2 जेट को मार गिराया। इस साहसिक कार्रवाई के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए। उस समय उनकी शादी को मात्र 6 महीने ही हुए थे।
उनकी वीरता का लोहा न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान ने भी माना। पाकिस्तानी वायुसेना के पूर्व अधिकारी कैसर तुफैल ने अपनी किताब में स्वीकार किया है कि पाकिस्तानी पायलट भी सेखों को एक “काबिल और साहसी विरोधी” मानते थे। अब दिलजीत दोसांझ द्वारा निभाया जा रहा उनका किरदार ‘बॉर्डर-2’ में देशभक्ति की भावना को और भी जीवंत करेगा। इस फिल्म के माध्यम से नई पीढ़ी को इस महान शहीद की कहानी से रूबरू कराया जाएगा।
शहीद फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह सेखों बारे में जानें
फ्लाइंग अफसर सेखों का जन्म 17 जुलाई 1945 पंजाब के लुधियाना जिले के छोटे से गांव इसेवाल में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ कर एयरफोर्स में अफसर बन गए। सेखों ने दसवीं तक की पढ़ाई गांव मोही में की, फिर कानपुर जाकर वायुसेना की ट्रेनिंग ली। बचपन से देखा हुआ सपना उन्होंने देश के लिए आसमान में उड़ कर पूरा किया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही ‘वीरों की गाथा’ सीरीज़ में भारतीय वायुसेना के शहीद फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह सेखों की बहन इंद्रजीत बोपाराय ने बताया कि उनके भाई का बचपन से ही देश के लिए कुछ करने का सपना था। आखिर में उन्होंने 1964 में एयरफोर्स में शामिल होकर अपना सपना पूरा किया। इंद्रजीत बोपाराय के अनुसार, सेखों का जीवन और बलिदान आज भी लाखों युवाओं को प्रेरणा देता है।
गौरतलब है कि , निर्मलजीत सिंह सेखों शादी के मात्र 6 महीने बाद देश पर कुर्बान हो गए थे। निर्मलजीत सिंह सेखों के दादा बचन सिंह ब्रिटिश आर्मी में थे और पिता त्रिलोक सिंह वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे। उनकी शादी मंजीत कौर के साथ हुई थी। 6 महीने बाद ही भारत-पाक युद्ध छिड़ गया था इसी दौरान निर्मलजीत देश पर कुर्बान हो गए।