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600 दिन, 54 हजार लाशें…इजराइल हमास के बीच ये खूनी जंग कब थमेगी?

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May 28, 2025
in विदेश
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600 दिन, 54 हजार लाशें…इजराइल हमास के बीच ये खूनी जंग कब थमेगी?
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इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग को आज 600 दिन हो चुके हैं. 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास के आतंकियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला किया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये संघर्ष इतने लंबे समय तक चलेगा और इतने मासूमों की जान ले लेगा. अब तक गाजा में 54 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1.23 लाख लोग घायल हुए हैं. इन आंकड़ों के पीछे सिर्फ मिसाइलें और बम नहीं बल्कि भूख इलाज की कमी और पूरी आबादी की घेराबंदी भी जिम्मेदार है.

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मार्च 2 से इजारइल ने गाजा के सभी क्रॉसिंग्स बंद कर दिए थे. न खाना, न दवा न कोई राहत सामग्री, कुछ भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था. संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोग अब कूड़े के ढेर से खाने की चीजें तलाश रहे हैं. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा सिटी में एक महिला और उसकी बेटी टूटी हुई इमारतों के पास फेंके गए कचरे में पके हुए चावल और सूखी रोटी की तलाश कर रही थीं. उन्हें जो भी मिला उसे उबालकर अपने बच्चों को खिलाने की तैयारी कर रही थीं.

राहत कैंप पर मची अफरा-तफरी, इजराइली सेना ने चलाई गोलियां

तीन महीने की लगातार नाकाबंदी के बाद, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने राफा में अपना पहला राहत वितरण केंद्र खोला. लेकिन जैसे ही खाना बांटा जाने लगा हजारों लोगों की भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए. अफरातफरी मच गई और इजारइली फौज ने भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए गोलियां चला दीं. गाजा की सरकार के मुताबिक इस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई है और 46 लोग घायल हुए हैं.

संघर्षविराम पर उलझा गणित

गजा में हमास के खिलाफ शुरू हुए युद्ध के बाद से अब तक 148 बंधक जिंदा लौट चुके हैं जिनमें से 105 को 2023 के संघर्षविराम के दौरान रिहा किया गया, 5 को हमास ने बिना किसी समझौते के छोड़ा, 8 को इज़राइली सेना ने बचाया, और 30 को इस साल के संघर्षविराम के दौरान छोड़ा गया. अब मध्यस्थ देशों की कोशिश है कि बाकी बंधकों की रिहाई के लिए फौरन संघर्षविराम कराया जाए, लेकिन इजराइल लगातार पूरे गजा में जमीन से बड़ा हमला करने की धमकी दे रहा है.

इस बीच, संघर्षविराम को लेकर इजराइल, अमेरिका और हमास के बयानों में भारी विरोधाभास देखने को मिल रहा है. सब अपनी-अपनी बात कह रहे हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. ट्रंप सरकार भी अब खुलकर दबाव बनाने में जुट गई है. ट्रंप ने हाल ही में कहा कि हम इजराइल से बात कर रहे हैं, और चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो.

नेतन्याहू की हो रही है आलोचना

इधर, इजराइल की ओर से जमीनी हमले की धमकी ने उसकी पारंपरिक सहयोगी ताकतों ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी तक को असहज कर दिया है. इन देशों की आलोचना भी अब खुलकर सामने आने लगी है. सीधा संवाद न करने की जिद में इज़राइल और हमास मध्यस्थ देशों के जरिए बैक चैनल डिप्लोमेसी में उलझे हुए हैं. संक्षेप में कहें, तो बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम के लिए कूटनीति जारी है, लेकिन मंजिल अभी दूर दिखती है.

अंतरराष्ट्रीय अदालतों में भी जवाबदेही की मांग

इस जंग को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय अदालतों में भी गंभीर कार्रवाई चल रही है. नवंबर 2024 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वार क्राइम और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए.

वहीं इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में इजराइल पर गाजा में नरसंहार का मामला चल रहा है. तो कुल जाम बात ये है कि छह सौ दिनों से चल रही इस जंग में न कोई साफ अंत दिख रहा है, न कोई मानवीय समाधान. हर दिन गाजा के आम लोगों के लिए जिंदगी और मौत का सवाल बन गया है. बच्चों का बचपन, औरतों की इज़्ज़त और बुजुर्गों की इबादत सब कुछ राख में तब्दील होता जा रहा है.


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