मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 25 साल से ज्यादा की सर्विस के बाद बर्खास्त किए गए विश्वविद्यालय कर्मचारी को फिर से बहाल कर दिया. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और मुख्य न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उसकी नियुक्ति केवल अनियमित थी और अवैध नहीं थी.
साथ ही बाद में सर्विस के कंफर्म करके उनके पद को नियमित कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि कंफर्म किए गए कर्मचारियों को उचित जांच के बिना बर्खास्त नहीं किया जा सकता, भले ही प्रारंभिक नियुक्ति अनियमित रही हो.