Today – July 21, 2025 2:48 pm
Facebook X-twitter Instagram Youtube
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
Ad Space Available by aonenewstv
Home व्यापार

सरकार को मिला 2.69 लाख करोड़ का गिफ्ट, क्या अमेरिका और पाकिस्तान का प्लान हुआ फेल!

News room by News room
May 24, 2025
in व्यापार
0
सरकार को मिला 2.69 लाख करोड़ का गिफ्ट, क्या अमेरिका और पाकिस्तान का प्लान हुआ फेल!
Share Now

हम कोई सपना नहीं देख रहे हैं. ये सच्चाई है. भारत के सारे संकट दूर होने वाले हैं. फिर चाहे वो टैरिफ की वजह से होने वाला नुकसान हो, या फिर पाकिस्तान की ओर से आ रही परेशानी. देश को 2.69 लाख करोड़ रुपए का ऐसा गिफ्ट मिल गया है. जिससे भारत के खजाने में इजाफा होगा ही. साथ ही देश को अपने काम पूरे करने के लिए किसी की ओर देखने की जरुरत महसूस नहीं होगी. वास्तव में आरबीआई ने भारत सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड दे दिया है. खास बात तो ये है कि सरकार ने जितने डिविडेंड का अनुमान लगाया गया था वो उससे कहीं ज्यादा देखने को मिला है. इसका ऐलान भी आरबीआई ने अपनी बोर्ड बैठक में कर दिया है. खास बात तो ये है कि सरकार को मिलने वाले इस डिविडेंड में बीते 9 साल में करीब 9 गुना का इजाफा देखने को मिला है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत को परेशान करने वाला अमेरिका और पाकिस्तान का प्लान फेल हो गया है? आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई की ओर से मिलने वाले इस डिविडेंड को लेकर किस तरह की खबर सामने आई है,

Ad Space Available by aonenewstv

रिकॉर्ड डिविडेंड का ऐलान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड देने की घोषणा की. यह 2023-24 के लाभांश भुगतान से 27.4 प्रतिशत अधिक है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड ट्रांसफर किया था. इसके पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भुगतान वितरण 87,416 करोड़ रुपये रहा था. आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की यहां आयोजित 616वीं बैठक में सरकार को रिकॉर्ड लाभांश भुगतान करने का निर्णय लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने की.

अमेरिका और पाकिस्तान का प्लान फेल!

रिजर्व बैंक से रिकॉर्ड लाभांश मिलने से क्या अमेरिका और पाकिस्तान का प्लान फेल हो गया है? जानकारों की मानें तो पाकिस्तान भारत को युद्ध में उलझाकर देश को मोटा नुकसान करने की फिराक में था. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारत को मोटा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिसकी वजह से भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को भी झटका लग सकता है. ऐसे में सरकार को आरबीआई से मिले डिविडेंड से अमेरिका द्वारा लगाए गए सीमा शुल्क और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के कारण रक्षा मद में बढ़े खर्च से निपटने में मदद मिलेगी. इसका मतलब है कि भारत को नुकसान पहुंचाने का दोनों देशों का प्लान पूरी तरह से फेल हो चुका है.

आरबीआई बोर्ड ने दी मंजूरी

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की, जिसमें परिदृश्य से जुड़े जोखिम भी शामिल हैं. इस दौरान निदेशक मंडल ने अप्रैल 2024 -मार्च 2025 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2024-25 के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘केंद्रीय निदेशक मंडल ने लेखा वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,68,590.07 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी. आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हस्तांतरित की जाने वाली अधिशेष राशि का निर्धारण संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर किया गया है. केंद्रीय बोर्ड ने 15 मई, 2025 को हुई बैठक में संशोधित ईसीएफ को मंजूरी दी थी.

सीआरबी को लेकर बड़ा फैसला

संशोधित ढांचे में प्रावधान है कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई के बही-खाते के 7.50 से 4.50 प्रतिशत की सीमा के भीतर बनाए रखा जाना चाहिए. आरबीआई ने कहा कि संशोधित ईसीएफ के आधार पर और वृहद-आर्थिक आकलन को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय निदेशक मंडल ने आकस्मिक जोखिम बफर को और बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत करने का फैसला किया है. लेखा वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान तत्कालीन आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के कारण केंद्रीय बोर्ड ने विकास और समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सीआरबी को रिजर्व बैंक के बहीखाते के 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था. हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर छह प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.50 प्रतिशत कर दिया गया था. आरबीआई ने कहा कि संशोधित ईसीएफ के आधार पर और व्यापक आर्थिक आकलन को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बोर्ड ने सीआरबी को 7.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया. सरकार ने आरबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों और वित्तीय संस्थानों से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लाभांश/ अधिशेष के तौर पर 2.56 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था.

अनुमान से ज्यादा डिविडेंड

सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को पिछले वित्त वर्ष के अनुमानित 4.8 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत पर लाना चाहती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने आरबीआई के लाभांश भुगतान संबंधी फैसले पर कहा कि यह अधिशेष हस्तांतरण वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में अनुमानित राशि से अधिक लगभग 40000-50000 करोड़ रुपये अधिक है. नायर ने कहा कि इसका मतलब है कि गैर-कर राजस्व में समान वृद्धि होगी, जिससे करों या विनिवेश प्राप्तियों में कमी या वित्त वर्ष में बजट से अधिक व्यय की भरपाई के लिए कुछ गुंजाइश बनेगी. इससे राजकोषीय मोर्चे पर कुछ राहत मिलती है.

9 साल में 9 गुना

खास बात तो ये है कि आरबीआई की ओर से दिए गए डिविडेंड में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. वित्त वर्ष 2017 में आरबीआई की ओर से सरकार को 30,659 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया था, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 2.69 लाख करोड़ रुपए हो गया है. इसका मतलब है कि तब से लेकर अब तक इस डिविडेंड में 8.77 गुना का इजाफा देखने को मिल चुका है. जानकारों की मानें तो आने वाले सालों में ये आंकड़ा कम होने वाला नहीं है. इसमें बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. अगले कुछ वित्त वर्षों में डिविडेंड का आंकड़ा 3 से 3.5 लाख करोड़ रुपए के बीच होने की उम्मीद है.

पाकिस्तान को मिलने वाली भीख से कहीं ज्यादा

खास बात तो ये है कि भारत को आरबीआई जो रकम एक झटके में मिली है. वो रकम पाकिस्तान को आईएमएफ औरर वर्ल्ड बैंक से मिलने वाली भीख से कहीं ज्यादा है. आंकड़ों के अनुसार जहां आईएमएफ की ओर से बेलआउट पैकेज के तौर पर पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर और वर्ल्ड बैंक से अगले 10 साल में 20 अरब डॉलर मिलने वाले हैं. भारत को आरबीआई से 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा मिल चुके हैं. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जहां पाकिस्तान अपने पूरी इकोनॉमी को रिवाइव करने के लिए आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों के रहमोंकरम पर निर्भर है. वहीं दूसरी ओर भारत का सेंट्रल बैंक अपनी सरकार को डिविडेंड के तौर पर उससे कहीं ज्यादा पैसा एक साल में दे देती है.


Share Now
Ad Space Available Reach 2M+ readers / month
Book Now
Previous Post

ट्रंप ने फिर बदल दिया रंग, अमेरिका को क्यों खटक रहा भारत में बना आईफोन

Next Post

वनडे से भी जाएगी रोहित शर्मा की कप्तानी? गौतम गंभीर ने किया इशारा

Next Post
वनडे से भी जाएगी रोहित शर्मा की कप्तानी? गौतम गंभीर ने किया इशारा

वनडे से भी जाएगी रोहित शर्मा की कप्तानी? गौतम गंभीर ने किया इशारा

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook X-twitter Instagram Youtube

Powered by AMBIT +918825362388