पाकिस्तान को दुनिया भर में बेनकाब करने के लिए बने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेसियों की लिस्ट के विवाद को लेकर भले ही सीजफायर नजर आ रहा हो, लेकिन सूत्रों की मानें तो ये तूफान से पहले की शांति भर है. कांग्रेस के मुताबिक, सरकार ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को फोन करके प्रतिनिधिमंडल के लिए चार नाम मांगे. शाम को कांग्रेस ने आनन्ंद शर्मा, गौरव गोगोई, अमरिंदर सिंह राजा, नासिर हुसैन का नाम दिया. मगर लेकिन सरकार ने शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह का नाम शामिल कर लिया. इससे नाराज कांग्रेस ने इसे सरकार की बेईमानी करार दिया.
दरअसल, कांग्रेस की चाहत थी कि सरकार द्वारा संपर्क करने पर चारों नेता पार्टी के फैसले को आखिरी बताएंगे लेकिन मनीष तिवारी और हालिया बयानों के चलते कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी झेल रहे शशि थरूर ने सरकार के संपर्क करने पर सीधे हामी भर दी. इससे कांग्रेस की किरकिरी होने लगी. नाखुश कांग्रेस ने आनन-फानन में कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है.