Today – July 21, 2025 4:02 am
Facebook X-twitter Instagram Youtube
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
Ad Space Available by aonenewstv
Home धार्मिक

संकष्टी चतुर्थी के उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं, ऐसे पूरा करें आपना व्रत!

News room by News room
June 10, 2025
in धार्मिक
0
संकष्टी चतुर्थी के उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं, ऐसे पूरा करें आपना व्रत!
Share Now

आगर आप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. छोटी सी गलती के कारण आपका उपवास टूट सकता है और व्रत का पूरा फल प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे. इसके संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है. इसलिए चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य दें. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी.

Ad Space Available by aonenewstv

द्रिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 14 जून दिन शनिवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी और 15 जून को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, आषाढ़ की पहली संकष्टी चतुर्थी 14 जून दिन शनिवार को मनाई जाएगी.

संकष्टी चतुर्थी के उपवास में क्या खाएं

संकष्टी चतुर्थी के उपवास में सभी प्रकार के ताजे फल जैसे सेब, केला, अंगूर, संतरा, अनार, पपीता आदि खा सकते हैं. दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, छाछ, पनीर (सादा), मावा खा सकते हैं. साबूदाने की खिचड़ी, खीर या वड़ा (कम तेल में बना हुआ). कुट्टू के आटे की पूरी, पकौड़ी या चीला (सेंधा नमक का प्रयोग करें). सिंघाड़े के आटे का हलवा, पूरी या रोटी. उबली हुई या भुनी हुई शकरकंद, भुनी हुई मूंगफली (कम तेल में). नारियल पानी, कच्चा नारियल, बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट आदि का सेवन कर सकते हैं.

उपवास के दौरान क्या न खाएं

उपवास के दौरान चावल, गेहूं, दालें (मूंग, अरहर आदि), सूजी, मैदा – किसी भी प्रकार का अनाज वर्जित होता है और व्रत में सामान्य नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए, केवल सेंधा नमक का प्रयोग करें. उपवास में मसालों का प्रयोग वर्जित होता है. तामसिक भोजन होने के कारण प्याज और लहसुन का प्रयोग बिल्कुल न करें. मांसाहार और अंडे का सेवन बिल्कुल न करें. किसी भी प्रकार के नशे का सेवन वर्जित है. अधिक तले-भुने या तेल-घी वाले भोजन से बचें.

संकष्टी चतुर्थी का उपवास ऐसे करें पूरा

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ करें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
  • हाथ में जल और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें कि आप अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए यह व्रत कर रहे हैं और इसे विधि-विधान से पूरा करेंगे.
  • ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या ‘ॐ भालचंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करें.
  • अपनी श्रद्धा और शारीरिक क्षमता के अनुसार निर्जला या फलाहारी व्रत रखें.
  • मन में भगवान गणेश का स्मरण करते रहें और जितना हो सके मानसिक रूप से शांत रहें.
  • शाम को प्रदोष काल में या चंद्रोदय से पहले एक बार फिर स्नान करें (या हाथ-पैर धोकर शुद्ध हो जाएं).
  • भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें.
  • गणेश जी को जल, दूर्वा (21 गांठ वाली), लाल फूल (जैसे गुड़हल), मोदक या लड्डू, तिल के लड्डू, फल, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, अगरबत्ती, माला आदि अर्पित करें.
  • गणेश चालीसा का पाठ करें और संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा (विशेषकर कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी की कथा) अवश्य पढ़ें या सुनें.
  • ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या ‘ॐ वक्रतुंडाय हुम्’ मंत्र का 108 बार जाप करें और अंत में भगवान गणेश की आरती करें.

चंद्र दर्शन और अर्घ्य

चंद्रोदय होने पर छत पर या खुले स्थान पर जाएं. चंद्रोदय हर शहर में अलग-अलग समय पर होता है, आप अपने शहर का चंद्रोदय का समय जान लें. एक साफ लोटे में शुद्ध जल, कच्चा दूध, चावल और सफेद फूल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. चंद्रमा को प्रणाम करें और अपनी मनोकामना दोहराएं और “ॐ चंद्राय नमः” या “ॐ सोमाय नमः” का जाप करें.

ऐसे करें व्रत पारण

चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें. भगवान गणेश को चढ़ाए गए मोदक या लड्डू का प्रसाद ग्रहण करें. कुछ जगहों पर दूध और शकरकंद से पारण करने का भी विधान है. फलाहार या सात्विक भोजन से व्रत खोलें. जो चीजें व्रत में वर्जित थीं, उन्हें न खाएं. हल्का और सुपाच्य भोजन करें ताकि पेट पर जोर न पड़े. इस दिन काले वस्त्र धारण न करें और पीले या लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है. भगवान गणेश को तुलसी का पत्ता अर्पित न करें. किसी से वाद-विवाद न करें और मन में नकारात्मक विचार न लाएं. गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या मोदक दान करें. इस प्रकार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत विधि-विधान से करने और सही नियमों का पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी संकट दूर होकर खुशहाली आती है.


Share Now
Ad Space Available Reach 2M+ readers / month
Book Now
Previous Post

हाथ में हथकड़ी, जमीन पर पटका… US एयरपोर्ट पर भारतीय के साथ कैसा व्यवहार? भारत ने दिया रिएक्शन

Next Post

हर तरफ चर्चा, लेकिन कैसे काम करती है Starlink? समझना है जरूरी

Next Post
हर तरफ चर्चा, लेकिन कैसे काम करती है Starlink? समझना है जरूरी

हर तरफ चर्चा, लेकिन कैसे काम करती है Starlink? समझना है जरूरी

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook X-twitter Instagram Youtube

Powered by AMBIT +918825362388