हर साल लाखों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर की बर्फीली वादियों में स्थित अमरनाथ गुफा में “बाबा बर्फानी” के दर्शन करने के लिए आते हैं। इसी के साथ अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। प्रशासन सुरक्षित यात्रा के लिए पूरे इंतजाम कर रहा है। अगर आप भी यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं तो आपके मन में सवाल होगा कि यात्रा पर कैसे जाएं और कहां ठहरें? इसलिए हम आपको अमरनाथ यात्रा के लिए पूरा गाइड करेंगे। वैसे तो हर साल अमरनाथ यात्रा 2 महीने की होती है, लेकिन इस बार यात्रा 38 दिनों की ही रखी गई है।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
अमरनाथ यात्रा वैसे तो जुलाई के महीने में शुरू होती है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अप्रैल से ही शुरू हो जाती है। इस यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को पहले से रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है। इसके लिए मेडिकली फिट होना भी जरूरी है। आपको अपना मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। फॉर्म भरने के बाद आपको अपना सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा, जिसके बाद आपकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। रजिस्ट्रेशन अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट या नामित बैंकों (एसबीआई, पीएनबी आदि) के जरिए कराया जा सकता है।
इसकी कीमत कितनी होगी?
रजिस्ट्रेशन फीस 220 रुपए
परिवहन (बस/ट्रेन + टैक्सी) 2,000- 4,000 रुपए
आवास/टेंट 300- 1,000 रुपए प्रति रात
खाना-पीना 200- 500 रुपए प्रतिदिन
टट्टू/पालकी सेवा 2,000 रुपए
यात्रा का Route:
-पहला मार्ग : पहलगाम – चंदनवाड़ी – शेषनाग – पंजतरणी – अमरनाथ गुफा
-दूसरा मार्ग: बालटाल – दोमेल – अमरनाथ गुफा (यह मार्ग छोटा है, लेकिन थोड़ा कठिन है)
अमरनाथ यात्रा पर कैसे जाएं और कहां ठहरें?
अमरनाथ यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों रूट से की जाती है। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो देश के लगभग सभी शहरों से जम्मू के लिए ट्रेनें चलती हैं। जम्मू से आप यात्रा पर्ची बनवाकर बस से बालटाल या पहलगाम जा सकते हैं। बस का किराया 700 रुपए से शुरू होता है। बालटाल से अमरनाथ गुफा करीब 14 किलोमीटर दूर है और यहां से एंट्री दोमेल गेट से होती है। वहीं पहलगाम से गुफा की दूरी करीब 32 किलोमीटर है, जहां एंट्री चंदनवाड़ी से होती है। यहां आपकी RFID चेक की जाती है। यात्रा की शुरुआत में आपको RFID कार्ड बनवाना होगा, जिसके लिए आपको 250 रुपए फीस देनी होगी, क्योंकि इसके बिना आप यात्रा नहीं कर सकते। बालटाल में रुकने के लिए आपको शेयरिंग टेंट लेना होगा, जिसके लिए आपको 500 रुपए चुकाने होंगे। हालांकि यहां मुफ्त में ठहरने की सुविधा भी है। बालटाल से दोमेल तक आपको मुफ्त बैटरी रिक्शा और बसें भी मिलती हैं, जिससे पैदल दूरी करीब 2 किलोमीटर कम हो जाती है। दोमेल गेट से एंट्री सुबह 4 बजे से 10 बजे तक होती है। इसके बाद आपकी यात्रा शुरू होती है। रास्ते में आपको कई भंडार मिलेंगे, जहां आप आराम से खाना खा सकते हैं।
महत्वपूर्ण सलाह
-ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य जांच आवश्यक है।
-गर्म कपड़े, रेनकोट, दवाइयां और पहचान पत्र साथ रखें।