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शिमला नहीं…ये है भारत का पहला हिल स्टेशन, जानें किसने की थी इसकी खोज

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May 24, 2025
in हेल्थ
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शिमला नहीं…ये है भारत का पहला हिल स्टेशन, जानें किसने की थी इसकी खोज
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भारत विविधताओं से भरा देश है यहां की क्लाइमेट, जियोग्राफिकल स्ट्रक्चर और प्राकृतिक सौंदर्य दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करता है. भारत में कई सुंदर जगहें मिल जाएंगी. लेकिन अगर सबसे ज्यादा जहां लोग जाना पसंद करते हैं वो हैं हिल स्टेशन. हिल स्टेशन में पूरे साल ही टूरिस्ट की भीड़ लगी रहती है. सर्दियों में बर्फबारी का आंनद लेना हो या गर्मियों में उमस से बचना हो. हिल स्टेशन ट्रैवलर्स के लिए पहली पसंद बनते जा रहे हैं.

आज भारत में कई हिल स्टेशन हैं, जहां लोग गर्मी से राहत पाने और नेचर के करीब जाने के लिए जाते हैं. कई लोग हिल स्टेशन तो खूब घूमते हैं. लेकिन ये नहीं जानते हैं की भारत का पहला हिल स्टेशन कौन सा है? अगर आप भी उन लोगों में से हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि भारत का पहला हिल स्टेशन कौन सा है और इसकी खोस अंगेजों ने क्यों और कैसे की थी.

ये है भारत का पहला हिल स्टेशन

हम बात कर रहे हैं मसूरी की, जिसे ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ भी कहा जाता है. ये वही जगह है जिसकी खोज अंग्रेजों ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में की थी और जिसे उन्होंने अपनी गर्मियों की छुट्टियों और सुकून के पलों के लिए एक परफेक्ट स्थान माना था.

मसूरी की खोज कैसे हुई?

मसूरी की खोज का श्रेय एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी कैप्टन यंग को जाता है. साल था 1820, जब कैप्टन यंग और एफ.जे. शोर (जिन्होंने बाद में सहारनपुर में एक सुपरिंटेंडेंट के रूप में कार्य किया) इस क्षेत्र की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने यहां एक छोटी सी झोपड़ी बनवाई और यहां गर्मियों से बचने के लिए आने जाने लगे. धीरे-धीरे बाकी अंग्रेज अधिकारी और व्यापारी भी यहां आने लगे और मसूरी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन बन गया. ब्रिटिश शासन के दौरान ये जगह अंग्रेजों के लिए ‘समर रिट्रीट’ बन गया था. साल 1823 में इसे ऑफिशियली हिस स्टेशन घोषित कर दिया गया.

मसूरी का ऐतिहासिक महत्व

ब्रिटिश काल में मसूरी में कई स्कूल, चर्च, क्लब और लाइब्रेरी स्थापित किए गए जो आज भी अपनी ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए हैं. मसूरी का प्रसिद्ध लाल टिब्बा, कैमल्स बैक रोड, गन हिल और मसूरी लाइब्रेरी उस युग की यादें आज भी ताजा करते हैं. यहां कई प्रतिष्ठित स्कूल जैसे कि वेल्हम गर्ल्स स्कूल, वुडस्टॉक स्कूल, और ओक ग्रोव स्कूल भी अंग्रेजों के समय से चल रहे हैं.

मसूरी आज भी है उतना ही खास

मसूरी आज भी उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट प्लेस में से एक है. यहां हर साल लाखों टूरिस्ट आते हैं . कुछ पहाड़ों की ठंडक का आनंद लेने, कुछ ट्रैकिंग और एडवेंचर के लिए, तो कुछ सिर्फ शांति से सुकून के पल बिताते हैं. यहां का मॉल रोड, केम्पटी फॉल्स, गन हिल, और जॉर्ज एवरेस्ट हाउस देखने लायक है.

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