Today – July 22, 2025 9:35 pm
Facebook X-twitter Instagram Youtube
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
Ad Space Available by aonenewstv
Home पंजाब

विजिलेंस के रडार पर जालंधर नगर निगम, सलाखों के पीछे जा सकते हैं कई अफसर

News room by News room
June 1, 2025
in पंजाब
0
विजिलेंस के रडार पर जालंधर नगर निगम, सलाखों के पीछे जा सकते हैं कई अफसर
Share Now

जालंधर: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा, असिस्टैंट टाऊन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ और बिल्डिंग इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर को गिरफ्तार किया जा चुका है। विजिलेंस की टीम अब रमन अरोड़ा के कुछ करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों की तलाश में जुटी है, जबकि निगम के कई अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। इसी बीच नगर निगम में बिना टैंडर करोड़ों के काम करवाने वाले अधिकारी विजिलेंस जांच बंद करवाने को दवाब बनाने में लगे हैं।

Ad Space Available by aonenewstv

अब विजिलेंस की जांच का मुख्य फोकस नगर निगम के बिल्डिंग विभाग, बी. एंड आर. (बिल्डिंग एंड रोड्स) और ओ. एंड एम. (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) सैल में हुए भ्रष्टाचार पर है। जांच में सैंक्शन और कोटेशन के आधार पर करवाए गए कार्यों की गहन छानबीन की जा रही है।

आरोप है कि इन कामों को करवाते समय पंजाब सरकार के नियमों, खासकर 2022 में लागू ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट की खुलेआम अवहेलना की गई। इस एक्ट के तहत कमिश्नर को 5 लाख रुपए से कम के कार्य सैंक्शन के आधार पर करवाने की अनुमति है, लेकिन जालंधर नगर निगम में पिछले 2-3 वर्षों में करोड़ों रुपए के कार्य बिना टैंडर के मनचाहे ठेकेदारों को सौंपे गए।

निगम में बना हुआ है अधिकारियों और ठेकेदारों का नैक्सस

विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच गहरी सांठगांठ है, जिसके चलते सैंक्शन के आधार पर हुए कार्यों की करोड़ों रुपए की पेमैंट ठेकेदारों को आसानी से मिल रही है। सफाई, पेंटिंग और स्ट्रीट लाइट जैसे कार्य, जो सामान्यतः टैंडर के माध्यम से होने चाहिए, सैंक्शन के आधार पर करवाए गए। आरोप है कि इन कार्यों के लिए कोटेशन ठेकेदारों द्वारा ही उपलब्ध करवाए गए, और निगम अधिकारियों ने फील्ड में जाकर कोटेशन की जांच नहीं की। यदि कोई कोटेशन फर्जी पाया गया तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

विजिलेंस ने 2022 से 2025 तक सैंक्शन के आधार पर हुए सभी कार्यों का रिकॉर्ड तलब किया है, जो अब उनके कब्जे में है। जांच में टेक्निकल अधिकारियों की एक टीम भी शामिल है, जो दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। इन दस्तावेजों पर जूनियर इंजीनियर से लेकर असिस्टैंट और ज्वाइंट कमिश्नर तक के हस्ताक्षर हैं। यदि जांच गहराई तक पहुंची तो बी. एंड आर. और ओ. एंड एम. सैल के कई अधिकारियों के सलाखों के पीछे जाने की संभावना है।

जालंधर में हुए चुनावों का हवाला दे रहे अधिकारी

निगम अधिकारियों का तर्क है कि जालंधर में पिछले समय दौरान हुए चुनावों के कारण इमरजेंसी के आधार पर ये काम करवाए गए, लेकिन विजिलेंस का मानना है कि कानून की नजर में चुनाव कोई एमरजैंसी नहीं है। इसके अलावा, सफाई जैसे कार्यों के लिए एक-दो ठेकेदारों को बार-बार सैंक्शन के आधार पर काम देने और उनके उचित रिकॉर्ड न रखने के आरोप भी लग रहे हैं। कुछ मामलों में ठेकेदारों को बिना टैंडर के करोड़ों रुपए की पेमैंट की गई, जिससे निगम को वित्तीय नुकसान हुआ। टैंडर आधारित कार्यों में ठेकेदार 10 से लेकर 50 प्रतिशत तक डिस्काउंट देते हैं, लेकिन सैंक्शन आधारित कार्यों में ऐसी कोई छूट नहीं मिलती, जिससे निगम को भारी वित्तीय चूना लग रहा है।

अधिकारियों में हड़कंप, जांच ठप्प करवाने की हो रही कोशिश

विजिलेंस की सख्ती से निगम अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। निचले स्तर के अधिकारी उच्च अधिकारियों पर विजिलेंस जांच रोकने का दबाव बना रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि रिकॉर्ड में कोई दस्तावेज गायब पाया गया और उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो संबंधित अधिकारी मुश्किल में पड़ सकते हैं। ऐसे ही अगर कोई कोटेशन जाली पाई गई तो भी अधिकारिओं पर ही कार्रवाई होगी । यदि मौके पर ठेकेदारों का हुआ काम न पाया गया या काम गैर जरूरी हुआ तो भी कार्रवाई अफसरों पर ही होगी।

माना जा रहा है कि विजिलेंस की जांच से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की बात दोहराई है और इस मामले में सख्त कार्रवाई का वायदा किया है। जालंधर नगर निगम में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, यह तो जांच पूरी होने पर ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल यह मामला पूरे निगम और शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।


Share Now
Ad Space Available Reach 2M+ readers / month
Book Now
Previous Post

500 और 200 रुपये के नोट लेने से पहले जरूर पढ़ें खबर, बुरे फंस सकते हैं आप

Next Post

पंजाब भर में छुट्टियों का ऐलान, इतने दिनों तक बंद रहेंगी Courts

Next Post
पंजाब भर में छुट्टियों का ऐलान, इतने दिनों तक बंद रहेंगी Courts

पंजाब भर में छुट्टियों का ऐलान, इतने दिनों तक बंद रहेंगी Courts

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook X-twitter Instagram Youtube

Powered by AMBIT +918825362388