भारत में पहली बुलेट ट्रेन को लेकर काम तेजी से चल रहा है. महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) ने एक और बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है, नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) की ओर से गुजरात के वलसाड जिले में दरोथा नदी पर रिवर ब्रिज (river bridge) के पूरा होने का ऐलान किया गया है.
भारतीय रेलवे ने भी इस कामयाबी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी है. रेलवे ने अपने पोस्ट में कहा, “मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए गुजरात के वलसाड में दारोथा नदी पर रिवर ब्रिज का काम पूरा हो गया है. 40-40 मीटर के 2 एसबीएस गर्डरों के साथ 80 मीटर तक फैला यह पुल बोईसर और वापी स्टेशनों के बीच 18 मीटर ऊंचे, 5 मीटर चौड़े गोलाकार खंभे पर खड़ा है.
रिवर ब्रिज की ऊंचाई 18 मीटर
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड मुंबई और अहमदाबाद के बीच करीब 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है. इस रिवर ब्रिज का खंभा जमीन से 18 मीटर लंबा है.
यह ब्रिज इंजीनियरिंग क्षेत्र में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के लिए जटिल बुनियादी ढांचा प्रदान करने में भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है. दारोथा रिवर ब्रिज का पूरा होना प्रोजेक्ट के सिविल वर्क सेगमेंट में तरक्की को भी दिखाता है, जिसमें पुल, सुरंग और स्टेशन के बुनियादी ढांचे का निर्माण भी शामिल है.
दूसरी ओर, NHSRCL का कहना है कि बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए वापी में अहम संरचनात्मक काम पहले ही पूरे कर लिए गए हैं. संरचनात्मक स्टील निर्माण के साथ-साथ रेल और प्लेटफॉर्म दोनों लेवल पर स्लैब कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है.
खास तरीके से तैयार किया जा रहा स्टेशन
अभी यहां पर छत की शीटिंग (Roof sheeting) और बिजली के इंस्टॉलेशन का काम अभी चल रहा है. अहमदाबाद की ओर जाने वाला एप्रोच वायडक्ट बन चुका है, जबकि मुंबई की ओर यह काम तेजी से चल रहा है.
स्पीड को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए इस स्टेशन में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जिनमें बिजनेस लाउंज, नर्सरी, लिफ्ट और एस्केलेटर आदि शामिल किए गए हैं.
बोइसर बुलेट ट्रेन स्टेशन पर काम में तेजी
इसे खास योजना के साथ बनाया जा रहा है. यह वापी शहर के जंक्शन, बस स्टॉप और औद्योगिक क्षेत्र से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. इस बीच, महाराष्ट्र के बोइसर बुलेट ट्रेन स्टेशन (Boisar Bullet Train station) के निर्माण में तेजी आ गई है.
यहां पर ट्रैक बिछाने के लिए पहले बेस स्लैब की ढलाई के साथ एक अहम कदम उठाया गया है, जिसकी चौड़ाई 40 मीटर और लंबाई 37 मीटर है, और इसके लिए 1070 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है.
इस तरह के कुल 9 ऐसे स्लैब बिछाए जाएंगे. करीब 425 मीटर लंबे इस स्टेशन में दो लेवल होंगे, जिसका आगे का हिस्सा स्थानीय कोंकणी मछली पकड़ने के जाल (Konkani fishing nets) से प्रेरित होगा.एक बार इस स्टेशन के चालू होने के बाद, यह वधवन बंदरगाह, तारापुर औद्योगिक क्षेत्र और आस-पास के पर्यटन स्थलों तक पहुंच को बढ़ाएगा.