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धंसी थी पटरी, आ रही थी यात्रियों से भरी ट्रेन… बकरी चराने वाले 16 साल के सृजन ने कैसे बचा ली सैकड़ों जिंदगियां?

News room by News room
June 20, 2025
in उत्तरप्रदेश
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धंसी थी पटरी, आ रही थी यात्रियों से भरी ट्रेन… बकरी चराने वाले 16 साल के सृजन ने कैसे बचा ली सैकड़ों जिंदगियां?
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उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया. बकरी चराने गए किशोर की चालाकी से एक बड़ा हादसा होने से बच गया. घटनाक्रम उन्नाव के सफीपुर रेलवे स्टेशन के करीब का है. 16 साल का सृजन मिश्रा वहां बकरियों को चराने के लिए पहुंचा था. वो रेलवे की पटरियों के किनारे बकरी चरा रहा था. तभी उसे सफीपुर रेलवे स्टेशन के पास दबौली मोड़ पर पटरी के नीचे की मिट्टी धंसी हुई दिखी. पटरियों में दरार भी था.

उस समय कानपुर-बालामऊ पैसेंजर ट्रेन सफीपुर स्टेशन से रवाना हो चुकी थी. सृजन ने पटरी की हालत देखकर सृजन ने तुरंत दिमाग लगाया. उसने सामने से आ रही ट्रेन को देखते ही अपनी लाल रंग की टीशर्ट को उतारा और उसे लहराने लगा. लाल रंग का कपड़ा देखकर ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी और बड़ा हादसा होने से बच गया.

इसके बाद धंसी हुई रेलवे ट्रैक की जानकारी रेलवे को दी गई. सूचना के बाद रेलवे के कर्माचरी मौके पर पहुंचे. उन्होंने ट्रैक की मरम्मत की और फिर ट्रेन को वहां से रवाना किया गया. सृजन की सूझबूझ की चर्चा पूरे इलाके में है और लोग उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं.

रेलवे अधिकारियों से लेकर गांव के लोग उसकी समझदारी और बहादुरी की तारीफ कर रहे है. लोगों का कहना है कि सृजन की छोटी सी सतर्कता ने सैकड़ों लोगों की जान बचा ली.

कौन है सृजन?

सृजन उन्नाव के दबौली गांव का रहने वाला है. उसकी उम्र 16 वर्ष है. गरीब परिवार से आने वाला सृजन अकसर रेलवे पटरियों की तरफ अपनी बकरियों को लेकर चला जाता था. इस बार उसने पटरी धंसी हुई देखी और उसकी चालाकी से ट्रेन के अंदर सवार सैकड़ों लोगों की जान बच गई.

कानपुर-बालामऊ पैसेंजर (54336) सफीपुर स्टेशन से 16:55 बजे रवाना हो चुकी थी. सृजन ने अपनी टीशर्ट से उसे समय रहते सफीपुर-बिगामऊ के बीच रुकवा दिया. मुरादाबाद मंडल के डीआरएम राजकुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद रेलवे इंजीनियरिंग स्टाफ मौके पर पहुंचा और ट्रैक की मरम्मत करवाकर ट्रेन को रवाना कराया.

क्या बोले यात्री?

कानपुर-बालामऊ पैसेंजर ट्रेन में उस समय सफर कर रहे यात्रियों ने आंखों देखी बताई. उन्होंने कहा कि अचानक ब्रेक लगा और सभी लोग सहम गए. इसके बाद लोको पायलट और ट्रेन के गार्ड उतरकर नीचे देखने लगे. इसके बाद उन्हें जानकारी हुई कि ट्रैक धंस गया है. उन्होंने रेलवे को सूचना दी. मौके पर रेलवे की टीम पहुंची. ट्रैक की मरम्मत की गई और फिर ट्रेन को वहां से रवाना किया गया.

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