मध्य प्रदेश में एक फर्जी डॉक्टर ने सालों तक लोगों की जान से खिलवाड़ किया और किसी और के दस्तावेजों के दम पर डॉक्टर बना रहा. इसके साथ ही उसने एक महिला की जान भी ले ली. यह मामला जबलपुर के मार्बल सिटी हॉस्पिटल से जुड़ा है. इस मामले की शुरुआत पिछले साल सितंबर से हुई थी. जब जबलपुर निवासी रेल अधिकारी मनोज कुमार महावर ने अपनी मां शांति देवी महावर को इलाज के लिए नेपियर टाउन स्थित मार्बल सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान बुजुर्ग महिला की मौत हो गई.
शुरुआत में यह एक सामान्य मामला लग रहा था, लेकिन जब मृतका के बेटे ने मेडिकल रिपोर्ट देखी तो उसमें डॉक्टर बृजराज उइके का नाम सामने आया. मनोज ने जब इस डॉक्टर से मुलाकात करनी चाही तो अस्पताल प्रशासन ने टालमटोल शुरू कर दी. मनोज ने अपने स्तर पर जांच की. रिपोर्ट में जिन डॉक्टर बृजराज उइके का नाम था, वह दरअसल एक पेंटर निकले. जब मनोज ने उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि वह डॉक्टर नहीं बल्कि पुताई का काम करते हैं और अस्पताल के बोर्ड पर जो तस्वीर लगी है. वह उनके स्कूल के दोस्त सत्येंद्र सिंह की है.