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गैंग के 6 सदस्य, सबके अलग काम… जॉब के नाम पर सैकड़ों लोगों को लगाया चूना; अमरोहा से अरेस्ट साइबर ठगों की कहानी

News room by News room
June 30, 2025
in उत्तरप्रदेश
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गैंग के 6 सदस्य, सबके अलग काम… जॉब के नाम पर सैकड़ों लोगों को लगाया चूना; अमरोहा से अरेस्ट साइबर ठगों की कहानी
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उत्तर प्रदेश की अमरोहा साइबर क्राइम पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से एक लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन और 11 सिम कार्ड बरामद किए हैं. ये ठग Naukri.com और Shine.com जैसी प्रतिष्ठित जॉब पोर्टल्स का इस्तेमाल कर नौकरी ढूंढने वाले सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं.

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि इस ठग गैंग की नींव नोएडा में रखी गई थी, लेकिन इसका संचालन अमरोहा से किया जा रहा था. गैंग का मुख्य सरगना निखिल चाहल है, जो बछरायूं थाना क्षेत्र के जोगीपुरा गांव का रहने वाला है और नोएडा में रहता था. नोएडा में ही निखिल की मुलाकात गैंग के अन्य सदस्यों मुकुल, अंकुर, योगेंद्र और दो युवतियों से हुई थी. यहीं से इस पूरे गैंग की योजना बनी, लेकिन ठगी की गतिविधियों को अमरोहा से अंजाम दिया जा रहा था. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी मुकुल, अंकुर और योगेंद्र सैदनगली थाना क्षेत्र के ब्रह्माबाद की मढ़ैया के निवासी हैं.

गैंग में 6 सदस्य, सबके अलग-अलग काम

इस ठग गैंग में कुल 6 सदस्य थे और सभी की भूमिकाएं अलग-अलग थीं. मुख्य सरगना निखिल चाहल ने पूरे गैंग की रूपरेखा तैयार की और सभी को उनके काम सौंपे. गिरफ्तार आरोपी मुकुल का काम जॉब पोर्टल्स से नौकरी ढूंढने वालों का डेटा चोरी करना और फिर उन्हें कॉल करवाना था. अंकुर फर्जी बैंक अकाउंट, फोन और सिम की व्यवस्था करता था. वह ऐसे लोगों की तलाश करता था जिन्हें पैसों की ज़रूरत होती थी या जो नशे के आदी होते थे. उनसे आधार कार्ड, फोटो और अन्य पहचान पत्र लेकर फर्जी अकाउंट खुलवाता था जिनमें ठगी के पैसे मंगाए जाते थे.

वहीं, योगेंद्र का काम फर्जी खातों के एटीएम कार्ड के ज़रिए नोएडा और अन्य स्थानों पर अलग-अलग एटीएम से पैसे निकालना था. दोनों युवतियां कॉलिंग का काम करती थीं, यानि वही भोले-भाले नौकरी ढूंढने वालों को फंसाने का काम करती थीं.

ऐसे हुआ ठग गैंग का खुलासा

इस ठग गैंग का खुलासा तब हुआ, जब आंध्र प्रदेश के आदिल नामक एक व्यक्ति से नौकरी दिलाने के नाम पर उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए गए. पैसे ट्रांसफर होने के बाद, जिस नंबर से आदिल को कॉल की गई थी, उस नंबर से आदिल के नंबर को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. आदिल ने भारत सरकार द्वारा चलाए गए पोर्टल पर इसकी शिकायत की, जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस हरकत में आई और इस बड़े ठग गैंग का पर्दाफाश हो सका.

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