Today – June 9, 2025 8:55 am
Facebook Twitter Instagram

A1 News Tv

  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
Home उत्तरप्रदेश

केंद्र-राज्य में साथ, गांव में करेंगी दो-दो हाथ, पंचायत चुनाव अकेले लड़ने को क्यों बेताब अनुप्रिया पटेल?

News room by News room
May 23, 2025
in उत्तरप्रदेश
0
केंद्र-राज्य में साथ, गांव में करेंगी दो-दो हाथ, पंचायत चुनाव अकेले लड़ने को क्यों बेताब अनुप्रिया पटेल?
  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए की अहम सहयोगी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेली की अपना दल (एस) है. केंद्र की मोदी सरकार में अनुप्रिया पटेल मंत्री हैं, तो यूपी की योगी सरकार में उनके पति आशीष पटेल मंत्री हैं. केंद्र और प्रदेश में साथ-साथ हैं, लेकिन गांव में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से दो-दो हाथ करने का ऐलान कर दिया है. यूपी पंचायत चुनाव में अपना दल (एस) अकेले किस्मत आजमाएगी.

अपना दल (एस) की प्रमुख केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार को प्रयागराज में ऐलान किया कि यूपी पंचायत चुनाव में उनकी पार्टी सभी सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. पंचायत के चुनाव में गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. ऐसे में जो हमारे कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें पंचायत चुनाव में पूरा अवसर दिया जाएगा. इस तरह से अनुप्रिया पटेल ने साफ कर दिया है कि 2026 में होने वाले यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरे दमखम के साथ उतरेंगी.

पंचायत चुनाव अकेले लडे़गी अपना दल

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अपना दल (एस) के कार्यकर्ता सभी ग्राम पंचायतों में चुनाव लड़ेंगे. पंचायत चुनाव पर हमारी गठबंधन से कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन हमारी पार्टी अपने स्तर से चुनाव की तैयारी कर रही है. हमारे कार्यकर्ता भी पंचायत चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं. इस बार पंचायत चुनाव में हमारी पार्टी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगी. पार्टी के सभी कार्यकर्ता पंचायत चुनाव वार्ड और जिला पंचायत सदस्य के पद पर मैदान में उतरने की तैयारी में है. इसके लिए पार्टी बूथ स्तर पर कमेटी को मजबूत करने में जुटी है.

केंद्र-राज्य में साथ, गांव में दो-दो हाथ

2014 से लेकर अभी तक यूपी में तीन लोकसभा और दो बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इन सभी चुनाव में अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) ने बीजेपी के साथ मिलकर किस्मत आजमाई, लेकिन शहरी और पंचायत चुनाव में वो अकेले चुनाव लड़ती रही है. इस तरह केंद्र और राज्य में बीजेपी और अपना दल साथ-साथ, लेकिन गांव में पंचायत के चुनाव में दो-दो हाथ करने की प्लानिंग अनुप्रिया पटेल ने की है. 2021 में भी अपना दल (एस) अकेले जिला पंचायत के चुनाव में किस्मत आजमाया था.

अनुप्रिया अकेले क्यों आजमा रही किस्मत?

यूपी में 2026 में पंचायत चुनाव होने हैं, जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. ऐसे में अनुप्रिया पटेल पंचायत चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का रिहर्सल मान रही हैं. यूपी पंचायत चुनाव में अकेले लड़कर अपनी सियासी ताकत की थाह लेने के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं के चुनाव लड़ने की इच्छा को पूरी कर देना चाहती हैं.

बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए अपना दल (एस) के लिए संभव नहीं था कि अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव लड़ा सकें इसलिए अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है. अनुप्रिया पटेल कहती रही हैं कि हमारे लिए पंचायत चुनाव एक रिहर्सल भर हैं, लेकिन फाइनल परीक्षा 2027 में है. उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है.

अनुप्रिया ने कहा कि जहां से भी आप चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां संगठन की स्थिति कितनी मजबूत है यह भी समझने की जरूरत है.अगले साल शुरू में यूपी पंचायत के चुनाव होंगे. ऐसे में अपना दल ने संगठन को पंचायत चुनाव के हिसाब से मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक जमीन पर उतरकर पार्टी की नीतियों का प्रचार करने के लिए कहा.

मिशन पंचायत में जुटी अपना दल

यूपी के पंचायत चुनाव के बहाने अपना दल (एस) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने विधानसभा प्रभारी घोषित कर दिए हैं. सभी विधानसभा क्षेत्र को चार भागों में बांटा गया है. संगठन के विस्तार और उसको मजबूत करने के लिए यह विधानसभा प्रभारी काम करेंगे. अनुप्रिया पटेल ने साफ कहा था कि बहुत सारे लोग संगठन से जुड़ना चाहते हैं, हम उन तक नहीं पहुंच पा रहे. केवल 10-12 विधायक बनने से काम नहीं होता. यह तो केवल माइलस्टोन है. लक्ष्य से हम बहुत दूर हैं.

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को 2027 का सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा क्योंकि इस चुनाव के बाद सीधे विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी की दो तिहाई विधानसभा सीटें ग्रामीण इलाके से आती हैं, जहां पर पंचायत चुनाव होते हैं. राजनीतिक दलों को पंचायत चुनाव के जरिए अपनी सियासी ताकत के आकलन करते हैं. यूपी में औसतन चार से छह जिला पंचायत सदस्यों को मिलाकर विधानसभा का एक क्षेत्र हो जाता है. यही वजह है कि अपना दल का फोकस पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सीटों पर है.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जिला पंचायत के सदस्यों को मिलने वाले वोट का आधार बनाकर राजनीतिक दलों इस बात का यह एहसास होता है कि वो कितने पानी में है. इससे यह भी पता चल जाएगा कि 2022 विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कितने मतों में बढ़ोतरी या कमी का आकलन करती है. यूपी में अपना दल का प्रभाव है वहां, मुख्य रूप से कुर्मी समाज के बीच पार्टी की पकड़ है.

पंचायत चुनाव आधार पर वोटों के समीकरण को दुरुस्ती करने की कवायद करते हैं. सियासी दल ये भी समझते हैं और आकलन करते हैं कि क्षेत्रवार और जातिवार के आधार पर आगे कैसी रणनीति बनानी. यूपी पंचायत चुनाव के आधार पर 2027 के विधानसभा चुनाव की सियासी जमीन नापना चाहती इसलिए गठबंधन की परवाह किए बगैर अनुप्रिया पटेल ने अपनी सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी है और वो मानती हैं कि पंचायत चुनाव में अकेले लड़ने पर बीजेपी से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है क्योंकि पंचायत चुनाव सिंबल पर नहीं लड़े जाते हैं, केवल पार्टियां अधिकृत उम्मीद्वार चुनाव मैदान में उतारती हैं.

  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Previous Post

नहीं कर सकते माफ…नेक हैं इरादे, पर कमजोर प्रस्तुति ने बिगाड़ा खेल

Next Post

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदली, IGIMS में कैंसर वार्ड और डायलिसिस मशीनों का होगा लोकार्पण

Next Post
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदली, IGIMS में कैंसर वार्ड और डायलिसिस मशीनों का होगा लोकार्पण

बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदली, IGIMS में कैंसर वार्ड और डायलिसिस मशीनों का होगा लोकार्पण

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook Instagram Twitter

Powered by AMBIT +918825362388

Send this to a friend