कैपेबिलिटी, काबिलियत या प्रतिभा, शब्द चाहे कितने भी हो, सभी का एक मतलब होता है कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कितने सक्षम हैं या फिर अपने काम के बारे में कितनी जानकारी रखते हैं. ये सिर्फ शिक्षा से जुड़ा नहीं होता है, बल्कि आपके अंदर व्यवहारिक ज्ञान कितना है, यह भी आपकी काबिलियत को दिखाता है. हर इंसान की अपनी सीमाएं, कमजोरियां और स्ट्रेंथ होती है, लेकिन क्षमताएं अद्वितीय होती हैं , बस खुद पर काम करने की जरूरत होती है. अगर कोशिश की जाए तो हर दिन खुद को निखारा जा सकता है. हालांकि हर किसी का मापने का पैमाना अलग होता है और कई बार लोग आपकी प्रतिभा पर सवाल उठाने लगते हैं. इसे ईगो पर लेने की बजाय या फिर बुरा मानने की बजाय आपको पॉजिटिव तरीके से लेना चाहिए और देखना चाहिए कि कमी कहां रह गई है, जिसे पूरा करना है.
आप जब अपनी क्षमता पर विश्वास करते हैं तो इससे न सिर्फ काम के क्षेत्र में सफलता मिलती है, बल्कि निजी जिंदगी में भी आप रिश्तों को ज्यादा मजबूती के साथ बनाए रख पाते हैं. काबिलियत एक उपजाऊ बीज है, जिसे आप जितना पोषण देंगे वो अंकुरित होकर पौधा बनेगा. इसलिए जब कोई आपके काबिल होने पर सवाल उठाए तो मुंह से नहीं बल्कि अपने काम से उसे जवाब दें. चलिए जान लेते हैं ऐसे में आपको क्या करना चाहिए.