इंदौर। स्वच्छता में लगातार अव्वल रहने वाला इंदौर अब सेवा भावना में भी मिसाल बन गया है। विश्व रक्तदान दिवस पर जानिए कि कैसे यह शहर मध्य प्रदेश में रक्तदान के क्षेत्र में सबसे आगे है। यहां हर साल 60 हजार से अधिक लोग स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं और हजारों ज़िंदगियों को नया जीवन देते हैं।
इंदौर में मदद को सैकड़ों लोग तैयार
एक फोन कॉल और मदद को तैयार सैकड़ों लोग, यही है इंदौर की खास पहचान। यहां एमवाय अस्पताल के मॉडल ब्लड बैंक में हर साल करीब 40 हजार यूनिट रक्त एकत्र किया जाता है। इसके अलावा सामाजिक संस्थाएं भी सालाना लगभग 20 हजार यूनिट ब्लड इकट्ठा कर लेती हैं। इसी वजह से सरकारी और निजी अस्पतालों में रक्त की कभी किल्लत नहीं होती।
डोनर को लेने पहुंचती है गाड़ी
देश में इंदौर शायद एकमात्र ऐसा शहर है जहां रक्तदाता को लेने के लिए ब्लड कॉल सेंटर की गाड़ी घर तक आती है। इससे वे लोग भी रक्तदान के लिए प्रेरित होते हैं, जिनके पास परिवहन की सुविधा नहीं होती। वाहन शहर के विभिन्न इलाकों में दिनभर चलता रहता है।
रेयर ब्लड ग्रुप ‘O Bombay Positive’ भी उपलब्ध
इंदौर का ब्लड कॉल सेंटर सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराज्यीय स्तर पर भी रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। O Bombay Positive जैसे अति दुर्लभ ब्लड ग्रुप के लिए सेंटर अब तक 5 बार दूसरे राज्यों से डोनर बुला चुका है। एक बार तो नागपुर से डोनर को फ्लाइट से बुलाकर एक महिला की जान बचाई गई थी। जानकारी के अनुसार, यह ब्लड ग्रुप देश में सिर्फ 180 लोगों में पाया जाता है।
सेवा के रूप में जन्मदिन और सालगिरह
इंदौर में रक्तदान अब एक सांस्कृतिक परंपरा बन चुकी है। लोग अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह जैसे खास अवसरों पर रक्तदान कर दूसरों की जिंदगी बचाते हैं। कुछ लोग तो अब तक 100 बार से ज्यादा रक्तदान कर चुके हैं।
इंदौर में पिछले वर्षों में हुआ रक्तदान (MY Hospital रिकॉर्ड अनुसार)
वर्ष रक्तदान (यूनिट)
2018 – 31,336
2019 – 31,800
2020 – 24,189
2021 – 35,146
2022 – 40,148
2023 – 43,822
2024 – 35,159
2025 – 19,300
एमवायएच ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. रामू ठाकुर के अनुसार, “इंदौर में अब बोन मैरो, थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसे रोगियों के लिए भी रक्त आसानी से उपलब्ध है। आधुनिक मशीनों और लोगों की सेवा भावना ने इंदौर को इस क्षेत्र में भी अव्वल बना दिया है।”