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ईरान-इजराइल वॉर से महंगे हो जाएंगे गैस सिलेंडर! आपकी जेब पर पड़ेगा असर

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June 23, 2025
in व्यापार
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ईरान-इजराइल वॉर से महंगे हो जाएंगे गैस सिलेंडर! आपकी जेब पर पड़ेगा असर
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ईरान और इजराइल के बीच चल रही जंग का असर आपके किचन पर भी देखने को मिल सकता है. देश में आने वाले समय में एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव का असर सिलेंडर के रेट्स पर देखने को मिल सकता है. क्योंकि देश में हर 3 में से 2 LPG सिलेंडर पश्चिम एशिया से आता है.

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ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमलों ने दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक क्षेत्र वेस्ट एशिया से सप्लाई रुकने का डर बढ़ा दिया है. पिछले 10 साल में भारत में LPG का यूज दोगुना से ज्यादा हो गया है, अब 33 करोड़ घरों में LPG पहुंच रहा है. ये सरकार की स्कीम्स की वजह से हुआ, जिसने LPG को प्रमोट किया. लेकिन इससे भारत की इंपोर्ट डिपेंडेंसी भी बढ़ी है. करीब 66% LPG विदेश से आता है और इसका 95% वेस्ट एशिया के देश सऊदी अरब, UAE और कतर से आता है. पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, भारत में LPG का स्टोरेज सिर्फ 16 दिन की खपत के लिए है, जो इंपोर्ट टर्मिनल्स, रिफाइनरीज और बॉटलिंग प्लांट्स में है.

ज्यादा गैस खरीदने की जरूरत नहीं

हालांकि, पेट्रोल और डीजल के मामले में भारत की स्थिति काफी बेहतर है. भारत इन दोनों का नेट एक्सपोर्टर है, यानी 40% पेट्रोल और 30% डीजल जो हम बनाते हैं, वो बाहर भेजते हैं. अगर जरूरत पड़ी तो ये एक्सपोर्ट वॉल्यूम डोमेस्टिक मार्केट में डायवर्ट किया जा सकता है. क्रूड ऑयल के लिए रिफाइनरीज, पाइपलाइन्स, शिप्स और नेशनल स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) में 25 दिन का स्टॉक है. इजरायल-ईरान टेंशन के बीच रिफाइनर्स ने पैनिक बायिंग नहीं की, क्योंकि उन्हें लगता है कि सप्लाई रुकने का रिस्क कम है.

सतर्क रहने की है जरूरत

ईटी ने एक एग्जीक्यूटिव के हवाले से बताया है कि अभी ऑर्डर भी करें तो डिलीवरी अगले महीने या बाद में आएगी. हमारे पास एक्स्ट्रा स्टोरेज की कैपेसिटी भी कम है. जब डिसरप्शन का रिस्क कम है, तो ज्यादा खरीदकर पैसे फंसाने का कोई मतलब नहीं. बस सतर्क रहना और डोमेस्टिक कंज्यूमर्स को प्रोटेक्ट करना जरूरी है.

ऑयल प्राइस बढ़ने से रिफाइनर्स के मार्जिन्स पर शॉर्ट टर्म में असर पड़ सकता है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के रिटेल प्राइसेज में बदलाव की उम्मीद नहीं है. स्टेट-रन ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पिछले 3 साल से पंप प्राइसेज फिक्स रख रही हैं और ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद ऐसा ही करेंगी.


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