Today – June 29, 2025 2:10 am
Facebook Twitter Instagram

A1 News Tv

  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
Home व्यापार

ईरान-इजराइल वॉर के बीच क्यों चर्चा में हैं गौतम अडानी, जानिए इसके पीछे की असली कहानी

News room by News room
June 17, 2025
in व्यापार
0
ईरान-इजराइल वॉर के बीच क्यों चर्चा में हैं गौतम अडानी, जानिए इसके पीछे की असली कहानी
  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

ईरान-इजराइल वॉर के बीच में गौतन अडानी की चर्चा होने लगी है. जंग के बीच में ईरान ने इजराइल पर कई मिसाइलें दागीं. ऐसी खबरें आईं कि ईरान ने अडानी ग्रुप के हाइफा फोर्ट को भी नुकसान पहुंचाया है. जिसके बाद से पोर्ट और अडानी की चर्चाएं शुरू हो गईं. हालांकि, ग्रुप ने पोर्ट को नुकसान से इनकार किया गया है. अडानी ने इस पोर्ट पर करीब 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. लेकिन क्या आपको पता है कि इसकी रणनीतिक अहमियत केवल बिजनेस तक सीमित नहीं है. यह भारत के महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) और इजराइल की आर्थिक-रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है. आइए आपको डिटेल में बताते हैं कि हाइफा पोर्ट के मायने असल में क्या हैं.

हाइफा पोर्ट का इतिहास

हाइफा पोर्ट का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से जुड़ा है, जब 1920 में ब्रिटिश शासन के दौरान इसका निर्माण शुरू हुआ और 1933 में इसे औपचारिक तौर से खोला गया. ब्रिटिश मैंडेट और इजराइल के प्रारंभिक वर्षों में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आज यह पोर्ट इजराइल के आर्थिक और सैन्य तंत्र का केंद्र है. पास में स्थित बजान रिफाइनरी, औद्योगिक निर्यात और नौसैनिक गतिविधियों के लिए इसकी दोहरी भूमिका इसे और महत्वपूर्ण बनाती है. युद्ध के समय इसकी सुरक्षा और संचालन पर उठने वाले सवाल निवेशकों के लिए जोखिम को बढ़ाते हैं.

IMEC गलियारे में हाइफा की भूमिका

हाइफा पोर्ट भारत के लिए IMEC का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह गलियारा भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ और अमेरिका के सहयोग से बनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों को अरब प्रायद्वीप और इजराइल के रास्ते यूरोप से जोड़ना है. यह लाल सागर-सुएज नहर मार्ग का एक ऑप्शन हो सकता है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे गलियारे की महत्वपूर्ण कड़ी बताया है. भारत के लिए यह निवेश न केवल व्यापार को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय भागीदारों के साथ रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा. एक्सपर्ट जेम्स एम. डोरसी ने इसे भारत, इजराइल, यूएई और अमेरिका के समूह I2U2 की पहली सफलता करार दिया है.

इजराइल में अडानी की रक्षा क्षेत्र में मौजूदगी

हाइफा पोर्ट के अलावा, अडानी समूह की इजराइल के डिफेंस सेक्टर में भी मौजूदगी है. 2018 में अडानी एंटरप्राइजेज ने एल्बिट सिस्टम्स के साथ मिलकर हैदराबाद में हर्मीस 900 ड्रोन बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम शुरू किया. ये ड्रोन इजराइल रक्षा बलों की ओर से यूज किए जाते हैं. एल्बिट सिस्टम्स की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की आय का 90% रक्षा क्षेत्र से आता है, और यह दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्माताओं में शामिल है. क्षेत्रीय संघर्ष के बढ़ने से ड्रोन की मांग बढ़ सकती है, लेकिन युद्धग्रस्त क्षेत्र में रक्षा साझेदारी भारतीय कंपनियों के लिए जटिल चुनौतियां पेश करती हैं.

आर्थिक और सामाजिक योगदान

इजराइल पोर्ट्स कंपनी के अनुसार, देश का 98% विदेशी व्यापार समुद्री मार्गों से होता है, जिसमें हाइफा पोर्ट की केंद्रीय भूमिका है. यह पोर्ट रोजगार, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन को बढ़ावा देता है. उद्योग अनुमानों के मुताबिक, हाइफा में एक नौकरी से संबंधित क्षेत्रों में सात अन्य नौकरियां पैदा होती हैं. इजराइल पोर्ट्स कंपनी के सीईओ यित्जहाक ब्लूमेंथल ने हाल ही में हाइफा बे टर्मिनल के उद्घाटन को देश का सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना करार दिया. यह पोर्ट न केवल आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-इजराइल संबंधों का भी प्रतीक है.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हाइफा पोर्ट में अडानी का निवेश केवल एक व्यावसायिक कदम नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक रणनीति और इजराइल के साथ गहरे संबंधों का हिस्सा है. IMEC के तहत यह पोर्ट भारत को यूरोप के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. हालांकि, क्षेत्रीय तनाव और युद्ध के जोखिम इस निवेश को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. फिर भी, हाइफा पोर्ट भारत की भू-राजनीतिक और आर्थिक महत्वाकांक्षाओं का एक मजबूत प्रतीक है, जो इसे व्यापार से कहीं अधिक महत्व देता है.

  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Previous Post

WhatsApp चलाने का मजा होगा ‘किरकिरा’, ऐप चलाते हुए दिखाई देंगे विज्ञापन

Next Post

काले बादल, झमाझम बारिश… दिल्ली-NCR में बदल गया मौसम, ऑरेंज अलर्ट जारी

Next Post
काले बादल, झमाझम बारिश… दिल्ली-NCR में बदल गया मौसम, ऑरेंज अलर्ट जारी

काले बादल, झमाझम बारिश… दिल्ली-NCR में बदल गया मौसम, ऑरेंज अलर्ट जारी

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook Instagram Twitter

Powered by AMBIT +918825362388

Send this to a friend