रूस ने एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता दे दी है. ये पहली बार है जब किसी देश ने सार्वजनिक रूप से तालिबान शासन को आधिकारिक दर्जा दिया है.
रूस के इस कदम के बीच बांग्लादेश में भी तालिबानी शैली की शासन व्यवस्था को लेकर बहस शुरू हो गई है. कट्टरपंथी इस्लामी समूह जमात-ए-चर मोनाई के नेता मुफ्ती सैयद मोहम्मद फैजुल करीम ने हाल ही में कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो देश में शरिया कानून लागू किया जाएगा.