अमेरिकी टैरिफ और जियो पॉलिटिकल टेंशन के दौर में भारत की रफ्तार से हर कोई हैरान है. खास बात तो ये है कि रफ्तार के मामले में चीन और अमेरिका दोनों की काफी पीछे देखने को मिल रहे हैं. वहीं दुनिया के बाकी विकासशील देशों की रफ्तार 5 फीसदी से नीचे की ही देखने को मिल रही है. मंगलवार को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की ओर से ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक जारी किया था. जिसका एक्सटेंडि वर्जन बुधवार को सामने आया. जिसमें भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर जानदारी दी गई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आईएमएफ की ओर से भारत की इकोनॉमी को लेकर किस तरह की जानकारी दी गई है.
कितनी रह सकती है रफ्तार
आईएमएफ ने कहा है कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के कैलेंडर वर्ष 2025 में 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि देश की स्थिर वृद्धि सुधारों की गति से प्रेरित है जिससे मजबूत कंजंप्शन ग्रोथ को समर्थन और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा मिल रहा है. आईएमएफ ने मंगलवार को अपना अपडेटिड ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक जारी किया था.
इसमें कहा गया, भारत में दोनों ही आंकड़ों को थोड़ा बढ़ाया गया है जो अप्रैल के संदर्भ पूर्वानुमान की तुलना में अधिक सौम्य बाह्य वातावरण को दर्शाता है. आईएमएफ ने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में दी अतिरिक्त जानकारी में कहा कि भारत के लिए आंकड़े और अनुमान वित्त वर्ष के आधार पर प्रस्तुत किए जाते हैं. कैलेंडर वर्ष के आधार पर भारत के वृद्धि अनुमान 2025 के लिए 6.7 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.4 प्रतिशत हैं.
अमेरिका और चीन भी पीछे
आईएमएफ अनुसंधान विभाग की प्रमुख डेनिज इगन ने प्रेस वार्ता में भारत पर पूछे गए एक प्रश्न पर कहा कि देश में वास्तव में काफी स्थिर वृद्धि हुई है. भारत ने 2024 में 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि की थी. इसके 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. आईएमएफ ने कहा कि उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 2025 में वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
अप्रैल में किए गए पूर्वानुमान के सापेक्ष 2025 में चीन की वृद्धि दर को 0.8 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया गया है. यह संशोधन 2025 की पहली छमाही में अपेक्षा से अधिक मजबूत गतिविधि और अमेरिका-चीन शुल्कों में उल्लेखनीय कमी को दर्शाता है. आईएमएफ ने कहा कि 2026 में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि कम प्रभावी शुल्क दरों को दर्शाता है. आईएमएफ ने कहा कि 2025 के लिए वैश्विक वृद्धि दर तीन प्रतिशत और 2026 में 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.