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माता-पिता की हुई मौत, अब दर-दर भटक रहे 9 साल का शिवम और 7 साल की शिवानी… नहीं मिली कोई मदद

News room by News room
June 23, 2025
in बिहार
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माता-पिता की हुई मौत, अब दर-दर भटक रहे 9 साल का शिवम और 7 साल की शिवानी… नहीं मिली कोई मदद
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बिहार के मोकामा में मेकरा नाम की एक पंचायत है. यहां दो मासूम भाई-बहन रोटी के लिए दर दर भटक रहे हैं. भाई शिवम की उम्र 9 वर्ष और उसकी छोटी बहन शिवानी की उम्र 7 वर्ष बताई जा रही है. दरअसल, इनके माता-पिता की मौत पहले हो चुकी है. इसके बाद चाचा ने इनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभाली. हालांकि, कुछ समय बाद उनकी हालत भी खराब हो गई. आय का साधन नहीं होने से बच्चे रिश्तेदारों के यहां घूमने को मजबूर हुए और अब बेसहारा हो चुके हैं.

दोनों बच्चों की माता संजुला देवी की मौत 2 साल पहले प्रसव के दौरान हो गई थी. वहीं, पिता दुखहरन राय की भी मौत पिछले साल हुई बीमारी के कारण हो गई. माता-पिता कि मौत के बाद बच्चे इधर उधर भटक रहें हैं. कोई इनकी जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं है. बच्चे एक-एक रोटी को मोहताज हैं.

शुरुआती दिनों में मेहनत मजदूरी करके उनके गरीब चाचा नेपाली कुमार ने जिम्मेदारी संभालना शुरू किया, लेकिन कुछ ही समय बाद वह भी असमर्थ होने लगे. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बच्चों का कोई ठिकाना नहीं है. छोटी सी शिवनी रिश्तेदारों के घर भटक रही है.

काई भी नहीं कर रहा मदद

इन दो अनाथ बच्चों के हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिश्तेदारों ने भी इनके भरण पोषण से हाथ पीछे खिच लिया है. हर तरफ से मिल रहे तिरस्कार ने बच्ची को फिर से अपने चाचा के पास पहुंचा दिया है. यानी 10 दिन पहले बच्ची फिर से अपने चाचा के घर पहुंची है.

इधर 9 साल का शिवम प्राथमिक विद्यालय में चौथी कक्षा का छात्र है, लेकिन वह स्कूल से विमुख है. महज 9 साल की उम्र में ही वो अपने गरीब चाचा की काम में मदद करता है, जिससे उसका पेट पल पा रहा.

नहीं मिल पा रही सरकारी मदद

बच्चों के चाचा ने बताया कि इन अनाथ बच्चों का कोई सहारा नहीं है. इन बच्चों को सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि वह सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट कार थक चुके हैं, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ.

नेपाली कुमार ने आगे बताया कि इन दोनों के माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बना है, जबकि उनकी मृत्यु दो साल पहले हो चुकी है. इसको लेकर वे लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. कभी आवेदन में गलती तो कभी कुछ और कारण बताकर उनको वापस कर दिया जाता है.

प्रशासन ने दिया आश्वासन

समाज के कुछ लोगों ने इस मामले को लेकर अधिकारी से बात की है. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि बच्चों के माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द जारी किया जाएगा. साथ ही बाल संरक्षण विभाग को भी मामले की जानकारी देने की बता कही गई, ताकि इन बच्चों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.a

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