Today – June 9, 2025 4:50 am
Facebook Twitter Instagram

A1 News Tv

  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
Home उत्तरप्रदेश

हर दिन 2 घंटे राम की परिक्रमा, फिर 10 घंटे काम… ऐसी है राम दरबार की कहानी!

News room by News room
May 27, 2025
in उत्तरप्रदेश
0
हर दिन 2 घंटे राम की परिक्रमा, फिर 10 घंटे काम… ऐसी है राम दरबार की कहानी!
  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

आज हम आपको लेकर चलते हैं उस अद्भुत साधना की ओर, जहां एक मूर्तिकार ने सिर्फ पत्थर नहीं तराशा, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और तप से प्रभु श्रीराम को प्रतिमा में जीवंत कर दिया. जी हां, हम बात कर रहे हैं अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर की, जहां अब प्रथम तल पर प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का दरबार पूरी दिव्यता के साथ विराजमान हो चुका है.

हालांकि इस दरबार के पीछे एक गहरी साधना है. राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय की साधना. उन्होंने आठ महीने तक रोजाना दो घंटे प्रभु राम की परिक्रमा की. उसके बाद शुरू होता था उनका 10 घंटे का कठिन श्रम, राम दरबार की मूर्तियों को गढ़ने का.

सत्यनारायण कहते हैं कि, यह सिर्फ मूर्ति निर्माण नहीं था, ये मेरी तपस्या थी. जब तक मन पूरी तरह निर्मल न हो, तब तक पत्थर में प्राण नहीं फूंके जा सकते. उन्होंने कुल 540 परिक्रमाएं कीं. हर परिक्रमा के बाद घंटाभर रामचरितमानस का पाठ करते, फिर शुरू होता प्रभु के स्वरूप को गढ़ने का कार्य. यह सिलसिला महीनों तक चला और तब जाकर साकार हुआ भव्य राम दरबार.

अब ये मूर्तियां राम मंदिर के सिंहासन पर विराज चुकी हैं. राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां अलग-अलग भंगिमा में नजर आ रही हैं. इनके साथ ही ऋषियों, वानर सेनापतियों और दरबार के गणमान्य पात्रों की कुल 18 मूर्तियां भी तैयार की गई हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, ये मूर्तियां सिर्फ शिल्प नहीं हैं. ये शाश्वत भक्ति का सजीव रूप हैं.

इसी के साथ एक और शुभ समाचार है. राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे शेषावतार मंदिर की मूर्तियां भी अयोध्या पहुंच चुकी हैं. इनकी प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को गंगा दशहरे के पावन दिन होगी. तो अगली बार जब आप रामलला के दर्शन को जाएं तो उस मूर्ति को न केवल देखें, बल्कि उस तप, उस परिक्रमा और उस साधना को भी नमन करे, जिसने पत्थर को प्रभु बना दिया.

  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Previous Post

पहले चलाते थे फैक्ट्री, फिर चलाने लगे टैक्सी… घर से भागना तक पड़ा, 12 साल में कैसे बर्बाद हो गया पंचकूला का मित्तल परिवार?

Next Post

ससुराल आया, खाना खाया, फिर साली संग फरार हो गया जीजा… 3 बच्चों का है बाप, पत्नी परेशान

Next Post
ससुराल आया, खाना खाया, फिर साली संग फरार हो गया जीजा… 3 बच्चों का है बाप, पत्नी परेशान

ससुराल आया, खाना खाया, फिर साली संग फरार हो गया जीजा… 3 बच्चों का है बाप, पत्नी परेशान

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook Instagram Twitter

Powered by AMBIT +918825362388

Send this to a friend