मध्य प्रदेश में बीते 12 मई को एक सड़क हादसा हुआ था. भोपाल जिले के बाणगंगा में 12 मई को स्कूल बस ने एक महिला डॉक्टर और कई राहगीरों को कुचल दिया था. हादसे में युवा महिला डॉक्टर की जान चली गई थी. मृतक डॉक्टर नाम आयशा बताया गया. घटना के बाद से आरोपी डॉक्टर फरार था. अब पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिफ्तार कर लिया है. आरोपी ड्राइवर का नाम विशाल है. वो बैरसिया रोड पर दिल्लौद गांव में छिपा हुआ था.
हादसे के बाद बस छोड़ हुआ फरार हुआ ड्राइवर
बेकाबू बस ने कार समेत आठ वाहनों को टक्कर मारी. इसके बाद बस डिवाइडर से टकराई. तब जाकर वो रुकी. इस हादसे के बाद सभी बाराती मौके से चले गए. इसी बीच उसने भी बस को छोड़ा और हलालपुरा बस स्टैंड पैदल पहुंचा. यहां से वो बस से अपने गांव चला गया. आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को ये भी बताया कि उसने हादसे से पहले लोगों को अवाजें दी ताकि वो हट सकें, लेकिन सिग्नल रेड था. इस वजह से कोई हट नहीं पाया.
ड्राइवर के पास नहीं है कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस
आरोपी ने बताया कि वो गांव के एक व्यक्ति की प्राइवेट कार चलाता है. उसके पास कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. उसने बताया कि प्रवेश नागर ने प्रदीप पांडे से ये बस खरीदी थी. प्रवेश के पास दो और बसें हैं. गांव में जो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं अगर उनके लिए बसों की आवश्यकता पड़ती है, तो प्रवेश बसों को किराए पर देता है. उस दिन प्रवेश ने बैरसिया के एक गांव से कोलार तक बारत में बस 15 हजार रुपए में किराए पर दी थी.
पुलिस ने कराया आरोपी का मेडिकल
वहीं आरोपी घटना के समय कहीं नशे में तो नहीं था, ये जानने के लिए पुलिस ने उसका मेडिकल भी कराया है.पुलिस ने हादसे के बाद श्रीनंदा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी को आरोपी बनाया है. इस समिति में सचिव प्रदीप पांडे समेत कुल आठ लोग हैं. पुलिस द्वारा सबकी भूमिका की जांच की जा रही है. अगर जांच में सबकी सहमति से बस बेचने की बात सामने आती है, तो सभी को आरोपी बनाया जाएगा.