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हमास की हार में 6 अरब देशों का हाथ? अमेरिका में लीक हुए दस्तावेजों से चौंकाने वाला खुलासा, सऊदी, जॉर्डन और बहरीन पर ‘गद्दारी’ का आरोप

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October 13, 2025
in विदेश
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हमास की हार में 6 अरब देशों का हाथ? अमेरिका में लीक हुए दस्तावेजों से चौंकाने वाला खुलासा, सऊदी, जॉर्डन और बहरीन पर ‘गद्दारी’ का आरोप
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हमास और इजराइल के बीच लंबे समय से संघर्ष छिड़ा हुआ है. इस संघर्ष में अरब देश कतर, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात लगातार सुर्खियों में बने रहे. लेकिन, अब वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसमें सामने आया कि जहां एक तरफ यह देश इजराइल की हमास पर हमलों को लेकर निंदा कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ अरब देशों ने युद्ध के महीनों के दौरान इजराइली सेना के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया.

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यह रिपोर्ट वॉशिंगटन पोस्ट और इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की साझेदारी में तैयार की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली और अरब सैन्य अधिकारियों ने यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) की मदद से क्षेत्रीय खतरे, ईरान और भूमिगत सुरंगों पर बैठकें और ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए.

3 पहले शुरू हुआ था सहयोग

इस सहयोग की शुरुआत लगभग 3 साल पहले हुई थी, जिसमें बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और कतर में हाई रैंकिंग अधिकारियों की बैठकें हुईं. हालांकि, सितंबर में दोहा में इजराइली हमले के बाद इन संबंधों में तनाव आया था.

एक तरफ निंदा, दूसरी तरफ सहयोग

वॉशिंगटन पोस्ट ने नोट किया कि जहां एक तरफ अरब नेता इजराइल की एक तरफ निंदा करते रहे. वहीं, दूसरी तरफ सहयोग भी चलता रहा. इस गुप्त सहयोग के बावजूद, अरब नेता सार्वजनिक रूप से इजराइल की आलोचना करते रहे. मिस्र, कतर, सऊदी अरब और जॉर्डन के नेता गाजा में इजराइल के युद्ध को “हत्याकांड” (genocide) करार देते रहे, जबकि कतर के अमीर ने संयुक्त राष्ट्र में इजराइल को “वातावरण विरोधी और अपार्थेड सिस्टम बनाने वाला देश” कहा. लेकिन, इसके बाद भी सहयोग चलता रहा.

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि मई 2024 में कतर के अल उदैद एयर बेस में इजराइली और अरब सैन्य अधिकारी मिले. इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने सीधे अमेरिकी बेस पर प्रवेश किया, ताकि उनकी यात्रा कतर के हवाई अड्डों से पकड़ी न जाए.

सुरक्षा संरचना और ट्रेनिंग

दस्तावेजों के अनुसार, CENTCOM के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना बनाई गई, जिसमें शामिल हैं, इजराइल, कतर, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब और यूएई. कुवैत और ओमान को “संभावित साझेदार” माना गया. दस्तावेजों में कहा गया कि यह कोई नया गठबंधन नहीं है और सभी बैठकों को गुप्त रखा जाएगा.

साझेदारी के तहत, अमेरिका ने 200 सैनिक इजराइल भेजे, ताकि युद्धविराम समझौते के लागू होने में मदद मिल सके. अरब देशों के सैनिक भी इस सुरक्षा सहयोग में शामिल हुए. प्रशिक्षण में फोर्ट कैम्पबेल, केंटकी में सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने का अभ्यास शामिल था.

हवाई रक्षा और खुफिया जानकारी

2022 की सुरक्षा सम्मेलन में हवाई रक्षा योजना लागू की गई, ताकि ईरानी मिसाइल और ड्रोन को रोका जा सके. इजराइल और अरब देशों ने सैन्य अभ्यास और उपकरण खरीद का कॉर्डिनेशन किया. सऊदी अरब और कतर ने इस सहयोग में पीछे से अहम भूमिका निभाई. मई 2024 की सुरक्षा बैठक में इजराइली अधिकारियों ने हर अरब देश के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

सऊदी अरब ने इजराइल और अन्य अरब साझेदारों के साथ सुरक्षा और खुफिया जानकारी शेयर की. 2025 में आयोजित एक बैठक में सीरिया, रूस, तुर्की, कुर्द बलों और ईरानी समर्थित हूती समूह और ISIS की गतिविधियों पर खुफिया जानकारी दी गई.

इजराइल-हमास के बीच युद्धविराम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा और इजराइल के बीच युद्धविराम के लिए 20 प्वाइंट की एक पीस डील का प्रस्ताव पेश किया था. इसी के बाद इजराइल ने इस पर सहमति जताई थी. हालांकि, अभी हमास ने डील में पूरी तरह से हर शर्त को नहीं माना है. सोमवार को मिस्र में गाजा पीस डील को लेकर एक वार्ता हो रही है. ट्रंप इसकी मिस्र के राष्ट्रपति के साथ सह-अध्यक्षता कर रहे हैं. साथ ही 20 देश इसमें शामिल हो रहे हैं.

दूसरी तरफ युद्धविराम के पहले चरण के तहत इजराइल और हमास ने कैदियों की अदला-बदली शुरू कर दी है. हमास 48 बंदियों की रिहाई करेगा. वहीं, इजराइल 2000 कैदियों को रिहा करेगा.


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