Today – October 17, 2025 8:42 am
Facebook X-twitter Instagram Youtube
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
Ad Space Available by aonenewstv
Home व्यापार

देसी दम! विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ा भारतीय इन्वेस्टर्स ने, 2025 में शेयर बाजार में डाले ₹6 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश

News room by News room
October 15, 2025
in व्यापार
0
देसी दम! विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ा भारतीय इन्वेस्टर्स ने, 2025 में शेयर बाजार में डाले ₹6 लाख करोड़ का रिकॉर्ड निवेश
Share Now

देसी निवेशकों के लगातार बढ़ते निवेश को देखते हुए ‘अपने’ फिल्म का एक मशहूर गीत काफी याद रहा है, उसके बोल हैं ‘अपने तो अपने होते हैं’… मौजूदा साल में विदेशी निवेशकों की बेरुखी और घरेलू निवेशकों का रिकॉर्ड निवेश काफी कुछ बयां कर रहा है. अभी साल खत्म नहीं हुआ है और घरेलू निवेशकों ने साल 2025 के कुल निवेश के लेवल को पार कर लिया है. यही कारण भी है कि विदेशी निवेशकों की जबरदस्त मुनाफावसूली के बावजूद भी सेंसेक और निफ्टी दोनों ही अभी तक पॉजिटिव दिखाई दे रहे हैं. दोनों में मौजूदा साल में 5 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है.

Ad Space Available by aonenewstv

आंकड़ों को देखें मौजूदा कैलेंडर वर्ष में घरेलू निवेशकों ने शेयर बाजार में 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर डाला है. जबकि साल 2025 को खत्म होने में अभी तक करीब ढाई महीने का समय बाकी है. जबकि ​बीते साल में घरेलू निवेशकों ने सवा पांच करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया था. ये पहली बार है, जब घरेलू निवेशकों ने इतना मोटा निवेश किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बाजार के आंकड़े किस तरह की कहानी को बयां कर रहे हैं.

6 लाख करोड़ का निवेश

घरेलू संस्थागत निवेशकों ने मौजूदा साल में शेयर बाजार में काफी मोटा निवेश कर डाला है. आंकड़ों को देखें तो विदेशी निवेशकों ने मौजूदा कैलेंडर ईयर में 6 लाख रुपए का शुद्ध निवेश कर डाला है जोकि 2007 में बीएसई द्वारा आंकड़े रखना शुरू करने के बाद से किसी कैलेंडर वर्ष में की गई सबसे ज़्यादा राशि है.

बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में II द्वारा शुद्ध निवेश, जिसमें बैंक, घरेलू वित्तीय संस्थान (DFI), बीमा कंपनियां, नई पेंशन योजनाएं और म्यूचुअल फंड शामिल हैं में 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर दिया है. जबकि वर्ष 2024 में भारतीय शेयर बाजार में इन निवेशकों ने 5.26 ट्रिलियन रुपये से ज़्यादा निवेश किया था.

जियो ब्लैकरॉक एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी ऋषि कोहली को उम्मीद है कि यह गति आगे भी बनी रहेगी, जिसका मुख्य कारण SIP निवेश है, जो बाजार में गिरावट के बावजूद भी मज़बूत बना रहता है. उन्होंने बिजनेस स्टैं​डर्ड की रिपोर्ट में कह कि जब तक कोई वैश्विक झटका 30-40 फीसदी की गिरावट का कारण नहीं बनता, तब तक DII को मज़बूती से निवेश करते रहना चाहिए. मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वर्ष 2026 में DII निवेश 2025 के स्तर को पार कर जाए.

विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली

इस बीच, मजबूत घरेलू निवेश ने कैलेंडर वर्ष 25 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली की भरपाई कर दी, जिन्होंने घरेलू शेयर बाजारों से 23.3 अरब डॉलर (2.03 लाख करोड़ रुपये) निकाले, जैसा कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से पता चलता है. हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 25 में उन्होंने प्राथमिक बाजार और अन्य माध्यमों से 571.6 करोड़ डॉलर या 49,590 करोड़ रुपये का निवेश किया.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी महेश पाटिल बीएस की रिपोर्ट में कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लिए सबसे अधिक व्यस्त व्यापार क्षेत्र अमेरिका, चीन, जर्मनी और ब्राज़ील रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये वे बाज़ार हैं जहां रिलेटिव निवेश सबसे ज़्यादा रहा है और परिणामस्वरूप, कुल मिलाकर बेहतर मार्केट रिटर्न प्राप्त हुआ है. दूसरी ओर विदेशी निवेशकों ने जापान, भारत, वियतनाम और दक्षिण कोरिया के बाजारों में सबसे ज्यादा मुनाफावसूली की है.

घरेलू निवेशकों ने बनाया मुनाफा

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोकालिंगम ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि 2008 में लेहमैन ब्रदर्स संकट के बाद से, जब भी घरेलू बाज़ार में गिरावट आई और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारी बिकवाली की, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने आक्रामक खरीदारी करके अच्छा-खासा मुनाफ़ा कमाया है.

उन्होंने कहा कि घरेलू बाज़ार में यह उतार-चढ़ाव का साइकिल पिछले 17 वर्षों से घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के लिए लगातार कारगर रहा है. चोकालिंगम ने सुझाव दिया कि घबराहट में बिकवाली करना हमेशा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लिए एक गलती साबित हुआ है, जबकि ऐसे मौकों पर बाज़ारों का समर्थन करना घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के लिए हमेशा फायदेमंद साबित हुआ है.

चोकालिंगम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बीमा और पेंशन फंडों में निवेश बढ़ने के साथ ही इक्विटी में उनका शुद्ध निवेश मज़बूत बना रहेगा. हालांकि, जिस पैमाने पर वे खरीदारी कर रहे हैं, वह शायद जारी न रहे, क्योंकि बाजार रिकॉर्ड ऊँचाई के करीब है और म्यूचुअल फंडों में खुदरा निवेश कम होने की संभावना है.

शेयर बाजार को कैसे संभाला?

अमेरिकी सरकार द्वारा भारत पर 7 अगस्त से लागू 25 प्रतिशत और 27 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बावजूद, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के रिकॉर्ड निवेश के कारण इक्विटी बाजार इस अवधि में मज़बूत बने रहे. वर्ष 2025 में अब तक, बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 सूचकांक क्रमशः 5.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत ऊपर हैं.

हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 5.6 फीसदी गिरा है, जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.6 फीसदी नीचे है. पाटिल ने कहा कि डीआईआई के लिए पिछले एक साल में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र बीएफएसआई, कैपिटल गुड्स, हेल्थ सर्विस और ऑटो रहे हैं, जहां डीआईआई ने अपना भार बढ़ाया है.

टाटा एसेट मैनेजमेंट की सीनियर फंड मैनेजर सोनम उदासी ने बीएस की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि मध्यम अवधि में, म्यूचुअल फंड और एसआईपी के जरिए घरेलू निवेशक भारतीय इक्विटी पर अपना दबदबा बनाए रखेंगे, जिससे विदेशी पूंजी निकासी के खिलाफ मजबूती मिलेगी. उदासी ने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का मासिक घरेलू निवेश स्थानीय निवेशकों के बढ़ते आधार को दर्शाता है. अगर टैरिफ की चिंताएँ कम होती हैं, तो ग्लोबल निवेशक अंततः उनकी बराबरी कर सकते हैं.


Share Now
Ad Space Available Reach 2M+ readers / month
Book Now
Previous Post

X (ट्विटर) पर आ गया ‘गेम चेंजर’ फीचर! मोबाइल और लैपटॉप यूजर्स का एक्सपीरियंस होगा डबल, जानें क्या है यह सबसे काम की सुविधा

Next Post

केदारनाथ यात्रा में बड़ा बदलाव! गौतम अडानी ने शेयर किया रोपवे प्रोजेक्ट का शानदार वीडियो, अब दर्शन होंगे बेहद आसान

Next Post
केदारनाथ यात्रा में बड़ा बदलाव! गौतम अडानी ने शेयर किया रोपवे प्रोजेक्ट का शानदार वीडियो, अब दर्शन होंगे बेहद आसान

केदारनाथ यात्रा में बड़ा बदलाव! गौतम अडानी ने शेयर किया रोपवे प्रोजेक्ट का शानदार वीडियो, अब दर्शन होंगे बेहद आसान

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook X-twitter Instagram Youtube

Powered by AMBIT +918825362388