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दिल्ली में मंडराया बाढ़ का खतरा, हथिनीकुंड बैराज के गेट खोले जाने के बाद उफान पर यमुना

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August 18, 2025
in दिल्ली/NCR
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दिल्ली में मंडराया बाढ़ का खतरा, हथिनीकुंड बैराज के गेट खोले जाने के बाद उफान पर यमुना
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भारी बारिश की वजह से यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हरियाणा के यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज में नदी का जल प्रवाह कल रविवार को 1.78 लाख क्यूसेक तक बढ़ गया. इस वजह से दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. माना जा रहा है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर आज रात तक 206 मीटर तक पहुंचने की आशंका है. जलस्तर के लगातार बढ़ने की वजह से हथिनीकुंड के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं.

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यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज में यमुना नदी का जल प्रवाह 1.78 लाख क्यूसेक तक बढ़ गया, जिससे हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली के कई जिलों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. राज्य के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने ‘मध्यम स्तर के बाढ़’ की स्थिति घोषित कर दी है, जिसके बाद हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं. फिलहाल आज सुबह 8 बजे तक हथिनीकुंड से 58282 क्यूसेक तो वजीराबाद बैराज से 36170 क्यूसेक और ओखला बैराज से 68025 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है.

मंगलवार को पार करेगा 206 मीटर का लेवल

दूसरी ओर, दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर के आज रात 8बजे के करीब 206 मीटर तक पहुंचने की आशंका है, अगर ऐसा हुआ तो यह 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर जाएगा. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से कल रविवार को जारी एक परामर्श में यह जानकारी दी गई.

कल रविवार शाम करीब 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर अलर्ट लेवल को पार करते हुए पुराने रेलवे पुल पर 204.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया. दिल्ली के लिए अलर्ट लेवल 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है और 206 मीटर के लगते ही लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है.

हथिनीकुंड से लगातार छोड़ा जा रहा पानी

दिल्ली स्थित पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ जोखिमों की निगरानी के लिए एक प्रमुख निरीक्षण बिंदु के रूप में काम करता है. आयोग की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, “17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी बारिश को देखते हुए, यह जानकारी दी जाती है कि दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर 19 अगस्त को देर रात करीब 2 बजे 206.00 मीटर को पार कर सकता है. ‘

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों से बाढ़ जैसे हालात से निपटने को लेकर एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी का कहना है, “दिल्ली में जलस्तर में लगातार बढ़ने की बड़ी वजह वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है.”

बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से बताया गया, हथिनीकुंड बैराज से इस सीजन में सबसे अधिक मात्रा में लगभग 1,27,030 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद से हर घंटे 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इन दोनों ही बैराज से छोड़ा गया पानी अमूमन 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है.

मध्यम लेवल के बाढ़ की आशंका

हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस सीजन में यह अब तक का सबसे ज्यादा जल प्रवाह दर्ज किया गया है, क्योंकि जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से पानी का बहाव बढ़ता चला गया है. एक अधिकारी का कहना है, “70,000 से 1.5 लाख क्यूसेक के जल प्रवाह को ‘कम बाढ़’ (low flood) के रूप में कैटेगराइज़्ड किया जाता है, जबकि 1.5 लाख से 2.5 लाख क्यूसेक को ‘मध्यम बाढ़’ (medium flood) माना जाता है.

इसी तरह 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक किसी भी प्रवाह को ‘उच्च बाढ़’ (high flood) के रूप में माना जाता है, उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है. रविवार सुबह करीब 7 बजे यमुना का जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ, और दोपहर 1 बजे तक यह एक लाख क्यूसेक के निशान तक पहुंच गया, ऐसे में ‘कम बाढ़’ की घोषणा की गई, लेकिन करीब 2 घंटे बाद यह दोपहर 3 बजे 1.78 लाख क्यूसेक को छू गया. इस वजह से यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के निचले इलाकों में पानी घुसने की आशंका जताई गई है.

प्रदेश के अधिकारियों ने बताया दी कि इस पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में लगभग 48 घंटे लगेंगे, जहां केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. यमुना नदी के अलावा, हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में भारी बारिश से यमुनानगर की एक और नदी सोम नदी में भी उफान आ गया है.


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