आवारा कुत्तों की हत्या को लेकर पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि आवारा कुत्तों की हत्या अगर कहीं होती है तो इस्लामाबाद प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ ट्रायल किया जाएगा.
जियो टीवी के मुताबिक एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने कहा कि प्रशासन को अपना काम सही ढंग से करने की जरूरत है. आवारा कुत्तों की हत्या न हो, यह सुनिश्चित किया जाए. अगर ऐसा होता है तो हम आपके खिलाफ ही मुकदमा करवाएंगे.
पहले पूरा मामला समझिए
एक महिला ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कहा गया है कि 9 अक्टूबर को सीडीए कार्यालय के बाहर एक वैन लगी थी, जिसमें सैकड़ों मृत कुत्ते पड़े थे. इस मामले में महिला ने इस्लामाबाद प्रशासन से जवाब तलब किया.
महिला का आरोप है कि इस्लामाबाद प्रशासन ने इन कुत्तों की हत्या कर दी. कोर्ट ने प्रशासन से कहा है कि सही रिपोर्ट लाइए. जरूरत पड़ने पर हम जांच कराएंगे. दोषी पाए जाने पर आप लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. आगे से भी इसका पालन कीजिए.
पाकिस्तान में कुत्तों को लेकर पशु क्रूरता अधिनियम बनाया गया है. जो इस्लामाबाद वन्यजीव प्रबंधन बोर्ड (IWMB) और पशु कल्याण अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाता है. दोनों में कठोर सजा का प्रावधान है.
आवारा कुत्तों से परेशान है पाक
पाकिस्तान आवारा कुत्तों से परेशान है. खासकर राजधानी इस्लामाबाद. लंबे वक्त से यहां पर कुत्तों को कंट्रोल का मुद्दा हावी रहा है. 2020 के आसपास इस्लामाबाद में कुत्तों को कंट्रोल करने के लिए एक केंद्र भी बनाया गया था, जिसमें 5000 आवारा कुत्तों को एकसाथ रखा जा सकता है, लेकिन अब इस केंद्र का ज्यादा असर नहीं है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पूरे पाकिस्तान में करीब 30 लाख आवारा कुत्ते मौजूद हैं. सरकार ने कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी अभियान चलाने का फैसला किया था, लेकिन अब तक सरकार सफल नहीं हो पाई है.
रिसर्च गेट के मुताबिक पाकिस्तान में रैबीज से 2024 में करीब 2500 लोगों की मौत हुई. वहीं सिंध प्रांत में करीब 3 लाख लोगों ने कुत्ते काटने की शिकायत दर्ज कराई.