Today – August 24, 2025 4:09 pm
Facebook X-twitter Instagram Youtube
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
      • उत्तरकाशी
      • अल्मोड़ा
      • ऊधमसिंह नगर
      • चमोली
      • चम्पावत
      • टिहरी गढ़वाल
      • देहरादून
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • पौड़ी गढ़वाल
      • बागेश्वर
      • रूद्रप्रयाग
    • दिल्ली/NCR
    • छत्तीसगढ़
    • पंजाब
    • हरियाणा
    • मध्य प्रदेश
  • देश
  • विदेश
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • धर्म -ज्ञान
  • खेल
  • स्वास्थ्य
Ad Space Available by aonenewstv
Home धार्मिक

इस बार भाई को सिर्फ राखी नहीं रक्षा कवच बांधे…भविष्य और नारद पुराण में मिलते हैं इस रक्षा सूत्र के प्रमाण

News room by News room
August 7, 2025
in धार्मिक
0
इस बार भाई को सिर्फ राखी नहीं रक्षा कवच बांधे…भविष्य और नारद पुराण में मिलते हैं इस रक्षा सूत्र के प्रमाण
Share Now

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली वैदिक परंपरा है, जिसकी जड़ें हजारों वर्षों पुराने ग्रंथों में छिपी हैं. आपने अब तक बाजार में मिलने वाली रंग-बिरंगी राखियां ही देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी वैदिक राखी के रहस्य को जाना है? ऐसा रक्षा सूत्र जिसे बांधने के बाद खुद विष्णु भगवान आपके भाई के रक्षक बन जाते हैं, और जिस रक्षा सूत्र को देवी-देवता भी काट नहीं सकते. भविष्य पुराण और नारद पुराण में इसका सीधा उल्लेख मिलता है और ये परंपरा आज भी कुछ स्थानों पर जीवित है.

Ad Space Available by aonenewstv

भारतीय शास्त्रों में रक्षासूत्र का उल्लेख केवल भाई-बहन के रिश्ते के लिए नहीं, बल्कि हर तरह की नकारात्मकता से सुरक्षा के लिए हुआ है. भविष्य पुराण में कहा गया है कि देवताओं ने असुरों से युद्ध से पहले गुरु बृहस्पति की सलाह पर रक्षा-सूत्र बांधा था. नारद पुराण में वर्णन है कि यह रक्षा सूत्र जब वैदिक विधि से मंत्रों द्वारा सिद्ध किया जाए, तो वह अमोघ हो जाता है. इस साल रक्षाबंधन पर अगर आप भी अपने भाई की सुरक्षा के लिए कुछ विशेष करना चाहती हैं, तो वैदिक राखी से बेहतर कुछ नहीं. इसे तैयार करने की विधि भी अत्यंत सरल है और इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक रहस्य छिपा है.

कैसे बनाएं वैदिक राखी?

एक साफ लाल कपड़ा लें ले.

अब उसमें थोड़ी पीली सरसों और थोड़े अक्षत (चावल) डाल लें.

अब इसे गंगाजल से शुद्ध करें और बांधकर एक पोटली बना लें.

फिर इस रक्षा सूत्र को भगवान विष्णु को अर्पित करें और यह मंत्र पढ़ें.

“ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥”

इसके बाद इस राखी को भाई की कलाई पर बांध दें.

क्या है इस वैदिक राखी के पीछे की शक्ति?

भविष्य पुराण के अनुसार यह रक्षा सूत्र केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक कवच बन जाता है. जिस व्यक्ति की कलाई पर यह वैदिक रक्षा सूत्र होता है, उसकी रक्षा स्वयं विष्णु भगवान करते हैं. वहीं नारद पुराण में बताया गया है कि यदि बहनें यह राखी विधिपूर्वक मंत्रों के साथ बांधें, तो बुरी नजर, ग्रहबाधा, रोग और शत्रुता से भाई की रक्षा होती है.

आज भी जीवत है ये परंपरा

कुछ दक्षिण भारतीय और पूर्वांचल क्षेत्रों में आज भी बहनें राखी से पहले रक्षा सूत्र को मंत्रों से सिद्ध करती हैं. कई गुरुकुलों और वेदपाठी ब्राह्मणों के घरों में यह परंपरा आज भी जीवंत है. दरअसल, राखी मूलतः रक्षिका शब्द से निकली है, जिसका अर्थ ही होता है रक्षा करने वाला सूत्र.

अगर इस बार रक्षाबंधन को सिर्फ रस्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक कवच बनाना है तो आप भी वैदिक राखी बनाकर देखिए. इससे न सिर्फ भाई की रक्षा होगी, बल्कि यह एक गहरी परंपरा को जीवित रखने जैसा भी होगा.


Share Now
Ad Space Available Reach 2M+ readers / month
Book Now
Previous Post

ट्रंप की कूटनीति से भी रुकने को तैयार नहीं पुतिन, चीन के साथ बन रहा युद्ध का प्लान

Next Post

अरे बाप रे! Mahavatar Narsimha को टक्कर, बजट से 13 गुना ज्यादा कमाकर इस साउथ फिल्म ने मचाई तबाही

Next Post
अरे बाप रे! Mahavatar Narsimha को टक्कर, बजट से 13 गुना ज्यादा कमाकर इस साउथ फिल्म ने मचाई तबाही

अरे बाप रे! Mahavatar Narsimha को टक्कर, बजट से 13 गुना ज्यादा कमाकर इस साउथ फिल्म ने मचाई तबाही

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook X-twitter Instagram Youtube

Powered by AMBIT +918825362388