Delhi Ordinance: बिल का विरोध कर रहे नेताओं को उम्मीद थी कि वह एक साथ आकर बिल को राज्यसभा में रोक देंगे। लेकिन जब वोटिंग हुई तो विपक्ष को महज 102 वोट ही मिल सके।
राज्यसभा में उस वक्त वोटिंग को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, जब उपसभापति ने बताया कि वोटिंग के समय कुछ मशीनों में दिक्कत है। थोड़ी देर बाद उपसभापति ने घोषणा की कि मशीनों में खराबी के कारण वोटिंग पर्ची के जरिए कराई जाएगी। इसके बाद सांसदों को वोटिंग का प्रावधान समझाया गया।
उम्मीद से ज्यादा सरकार को मिला वोट
बिल का विरोध कर रहे नेताओं को उम्मीद थी कि वह एक साथ आकर बिल को राज्यसभा में रोक देंगे। लेकिन जब वोटिंग हुई तो विपक्ष को महज 102 वोट ही मिल सके। वहीं, सरकार को समर्थन में 128 या 129 सांसदों का वोट मिलने का अनुमान था। लेकिन जब नतीजे आए तो सरकार को 131 वोट मिले। फिलहाल, राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 238 है और 7 पद रिक्त हैं।
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आप को राज्यसभा में मिला इनका साथ
बिल के विरोध में आप को राज्यसभा में कांग्रेस (31), ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (13), आम आदमी पार्टी (10), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (10), भारत राष्ट्र समिति (7), राष्ट्रीय जनता दल (6), सीपीएम (5), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना UBT (3), सीपीआई (2), झारखंड मुक्ति मोर्चा (2), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (1), राष्ट्रीय लोकदल (1), जनता दल यूनाइटेड (5) का साथ मिला । वहीं, हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी बिल का विरोध किया। खास बात है कि इस दौरान बहुजन समाज पार्टी, जनता दल सेक्युलर मतदान से दूर रहे। जबकि, पहले NDA का सदस्य रहे शिरोमणि अकाली दल ने बिल को लेकर दोनों ही पक्षों पर निशाना साधा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं: अमित शाह
राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबूत देंगे कि यह विधेयक किसी भी एंगल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है। यह विधेयक दिल्ली पर मौजूदा केंद्र सरकार के अध्यादेश को बदलने का प्रयास है।