Today – July 12, 2025 4:19 pm
Facebook Twitter Instagram
  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
  • होम
  • देश
  • राजनीति
  • कहानी संघर्ष की
  • आपका डॉक्टर
  • वायरल
  • इतिहास
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजस्थान
  • विदेश
  • शिक्षा
Home महाराष्ट्र

कमरे में कचरे के ढेर में पड़ा था इंजीनियर, 3 साल से खुद को कर रखा था बंद… टॉयलेट से भरा था रूम; क्या थी मजबूरी?

News room by News room
July 1, 2025
in महाराष्ट्र
0
कमरे में कचरे के ढेर में पड़ा था इंजीनियर, 3 साल से खुद को कर रखा था बंद… टॉयलेट से भरा था रूम; क्या थी मजबूरी?
  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

नवी मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 55 साल के तकनीकी विशेषज्ञ ने बाहरी दुनिया से अपने आपको को अलग कर तीन साल से ज्यादा समय तक अपने फ्लैट में खुद को बंद रखा. उसका बाहरी दुनिया से एकमात्र कनेक्शन ऑनलाइन फ़ूड ऑर्डर है. हम जिसकी बात कर रहे हैं उस शक्स का नाम अनूप कुमार नायर है. कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर काम करने वाले अनूप कुमार नायर ने छह साल पहले अपने माता-पिता को खो दिया था.

उसके बाद, वह अकेलेपन के कारण डिप्रेशन में चले गए. उनके बड़े भाई ने 20 साल पहले आत्महत्या कर ली थी. एक एनजीओ को उनकी स्थिति के बारे में सूचित किया गया. इसके बाद सोशल एंड इवेंजेलिकल एसोसिएशन फॉर लव (SEAL) के कार्यकर्ता सेक्टर 24 में घरकूल सीएचएस में नायर के घर गए. एनजीओ ने प्लैट में पहुंचकर देखा तो वहांं बहुत गंदगी थी.

SEAL के पादरी केएम फिलिप ने क्या बताया?

सोशल एंड इवेंजेलिकल एसोसिएशन फॉर लव के पादरी केएम फिलिप ने बताया कि नायर अपने फ्लैट से बाहर निकलने से मना कर देते थे और लिविंग रूम में कुर्सी पर ही सोते थे. उन्होंने बताया कि फ्लैट में कोई फर्नीचर नहीं था. जब उन्होंने उनको देखा तो उनके पैर में इंफेक्शन था. उनके पड़ोसियों ने बताया कि नायर शायद ही कभी अपने फ्लैट का दरवाजा खोलता थे. वो कचरा भी बाहर नहीं निकालते थे.

पड़ोसियों ने क्या बताया?

पड़ोसियों ने बताया कि हम सोसायटी के सदस्यों को उनको कभी-कभी कचरा बाहर निकालने में मदद करने के लिए मनाना पड़ता था. हमने उनके माता-पिता की फिक्स डिपॉजिट के पैसे को उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने में भी उनकी सहायता की थी. उनके माता-पिता की मौत के बाद उनके कुछ रिश्तेदारों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी से बात करने से इनकार कर दिया.

नायर को पनवेल के सील के आश्रम में भेजा गया

इसके बाद सील के कार्यकर्ताओं ने नायर को पनवेल के सील के आश्रम में भेज दिया. नायर ने उन्हें बताया कि उनका कोई दोस्त नहीं है और उनको नौकरी भी नहीं मिल रही है. उनके माता-पिता और भाई की पहले ही मौत हो चुकी है. उनकी सेहत भी ठीक नहीं है. इसलिए नई शुरुआत की कोई उमीद नहीं है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि परिवार के सदस्यों को खोने के बाद वो उदास हो गए थे.

मनोचिकित्सकों के अनुसार, उन्होंने खुद को बाहरी दुनिया से दूर कर लिया था. उनका कहना है कि परिवार के किसी सदस्य को खोने के बाद कुछ लोगों को अकेलापन महसूस होने लगता है. वो उदास हो जाते हैं और सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाते हैं. सौभाग्य से, हम नायर को बचाने में सफल रहे, लेकिन ऐसे अनगिनत लोग हैं जो फ्लैटों के भीतर ही मर जाते हैं और उनके शव कई दिन बाद मिलते हैं.

  • Facebook
  • Twitter
  • Email
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Previous Post

जेएनयू के हॉस्टल से कहां खो गया नजीब? दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई तक फेल, केस बंद लेकिन मां को अब भी इंतजार

Next Post

दिल्ली में 5 दिन का अलर्ट… यूपी से बिहार तक 10 राज्यों में भारी बारिश, जानें अपने प्रदेश का हाल

Next Post
दिल्ली में 5 दिन का अलर्ट… यूपी से बिहार तक 10 राज्यों में भारी बारिश, जानें अपने प्रदेश का हाल

दिल्ली में 5 दिन का अलर्ट… यूपी से बिहार तक 10 राज्यों में भारी बारिश, जानें अपने प्रदेश का हाल

  • Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
Facebook Instagram Twitter

Powered by AMBIT +918825362388

 
Send this to a friend